बिहार के किसान अब अगले साल के मार्च तक आफलाइन प्रणाली से भी लगान जमा कर सकेंगे। म्यूटेशन में भी यह सुविधा जारी रहेगी। यह किसानों की मर्जी पर है कि वे इन दोनों सेवाओं के लिए आनलाइन या आफलाइन में किसी एक सुविधा का चयन करें। इससे पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में इन दोनों सुविधाओं के लिए आफलाइन विकल्प को सितंबर तक विस्तार दिया था। यानी सितम्बर के बाद सिर्फ आनलाइन सेवा जारी रखने की योजना थी। अब इसे अगले साल के 31 मार्च तक का विस्तार दे दिया गया है। अब पहले की तरह कर्मचारियों के जरिए लगान जमा हो सकेंगे।
भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग में 2018 से ही आनलाइन प्रणाली शुरू है। प्राय: सभी सेवाएं आनलाइन हो चुकी हैं। लेकिन, म्यूटेशन और लगान के मामले में उम्मीद के अनुरूप सुधार नहीं हो रहा है। वजह बताई जा रही है कि आम रैयत कम्प्यूटर और मोबाइल के इतने अभ्यस्त नहीं हैं कि वे आनलाइन लगान जमा कर सकें या म्यूटेशन करा लें। दूसरी तरफ लगान से जुड़े सभी कागजात भी डिजिटाइज्ड नहीं हो पाए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में इसका खामियाजा विभाग को भुगतना पड़ा। कोरोना के चलते कार्यालय बंद रहे। नतीजा यह निकला कि राजस्व विभाग की कर वसूली आधी हो गई। पांच सौ करोड़ के लक्ष्य के विरूद्ध ढाई सौ करोड़ रुपये की वसूली भी नहीं हो पाई। भू लगान के अलावा सैरात की बंदोबस्ती से भी आमदनी नहीं हो पाई थी।
इस साल हुआ है सुधार
हालांकि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में राजस्व वसूली में काफी सुधार हुआ है। अप्रैल से अगस्त के बीच वित्तीय वर्ष के पांच महीने में 60 फीसद राजस्व वसूली हुई है। यह इसी अवधि में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 36.42 फीसद अधिक है। इसमें पिछले साल के बकाए लगान की भी भागीदारी है। वसूली बढ़ाने के लिए विभाग ने हरेक जिले का माहवारी लक्ष्य तय किया है।
Source : Dainik Jagran
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