बिहार में बैंक खातों में अचानक करोड़ों रुपये आने का सिलसिला जारी है। इस बार सुपौल के एक मजदूर के खाते में करोड़ों रुपये आए हैं। अंतर केवल इतना है कि इससे पहले गलती से रुपये खाते में आ रहे थे, इस बार ऐसा नहीं हुआ है। खाते में करोड़ों रुपये होने की जानकारी तब मिली जब मजदूर लेबर कार्ड बनवाने सीएसपी पर पहुंचा। मामला साइबर पुलिस ने अपने हाथ में ले लिया है। मजदूर के खाते को फ्रीज कर दिया गया है।

किशनपुर प्रखंड के सिसौनी निवासी मजदूर विपिन चौहान दो दिन पहले लेबर कार्ड बनवाने के लिए एक सीएसपी पर खाता खुलवाने गया। वहां उसे बताया गया कि यूनियन बैंक में उसके नाम से खाता पहले से है। खाते चेक करने पर पता चला कि उसमें 9 करोड़ 99 लाख और 999 रुपए हैं। इतनी बड़ी राशि उसके नाम से खुले खाते में होने की जानकारी मिलते ही विपिन चौंक गया। वह यूनियन बैंक पहुंचा तो बैंक अधिकारियों ने जांच की। रांची जोनल कार्यालय के मुख्य प्रबंधक संतोष कुमार खां गुरुवार को जांच करने शाखा पहुंचे।

खाता में आधार विपिन का, फोटो दूसरे की

यूनियन बैंक में विपिन के नाम 13 अक्टूबर 2016 को खाता खोला गया था। उसमें 7282101052 मोबाइल नंबर दिया गया है। खाता में आधार तो विपीन का है लेकिन फोटो किसी और की है। विपीन का कहना है कि उसे आधार कार्ड डाक के माध्यम से मिला था और आधार का लिफाफा फटा हुआ था। विपीन ने अपना हस्ताक्षर होने से भी इंकार किया है।

शाखा प्रबंधक रविशंकर का कहना है कि विपिन के खाते में उतनी राशि नहीं है। खाता खुलने के बाद राजस्थान से साइबर क्राइम के जरिए बड़े पैमाने पर जब ट्रांजेक्शन होने लगा तब बैंक की मुंबई साइबर सेल ने 9 करोड़ 99 लाख 999 रुपए का अंक डालकर उसपर लॉक लगा दिया ताकि इस खाता से लेने-देन नहीं हो सके।

नोटबंदी से ठीक पहले खोला गया था खाता

हैरत की बात है कि देश में नोटबंदी लागू होने महज कुछ दिन पहले ही विपीन के नाम खाता खोला गया। 13 अक्टूबर 2016 को उसका खाता खुलता है और 8 नवंबर 2016 की रात से नोटबंदी लागू हुई थी। इसके बाद 11 फरवरी 2017 को विपीन के खाते पर लॉक लगा दिया गया। लगभग पांच महीनों में उस खाते से करोड़ों का लेन देन किया गया। बैंक हालांकि उस लेनदेन का आंकड़ा नहीं दे रहा है।

मुख्य प्रबंधक संतोष कुमार खां ने बताया कि प्रथमदृष्टया यह साइबर क्राइम से जुड़ा मामला लगता है। शाखा प्रबंधक को सभी ट्रांजेक्शन की डिटेल निकालने, केवाईसी हुई थी या नहीं, खाताधारी की आपत्तियों आदि की जांच को कहा गया है। रिपोर्ट तैयार होने पर ही कुछ कहा जा सकता है।

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *