बिहार में ग्रामीण निर्माण विभाग ने एग्जिक्यूटिव इंजीनियरों और अधिकारियों को निर्देश जारी किया है. कहा गया है कि वे राज्य सरकार के शिलान्यास समारोह और अन्य उद्घाटन कार्यक्रम में निर्वाचित प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से बुलाए. ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में 7 दिसंबर को आरडब्ल्यूडी के सचिव पंकज कुमार पाल की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया था। बता दें कि पिछले शीतकालीन सत्र में भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार के कार्यक्रमों में उन्हें नहीं बुलाया गया था.
सर्कुलर में क्या कहा गया है
जारी सर्कुलर में कहा गया है कि सभी तरह के उद्घाटन कार्यक्रम या शिलान्यास समारोह में चुने गए प्रतिनिधियों और विधान परिषद के सदस्यों को अनिवार्य रूप से बुलाना है. विभाग के सभी एग्जिक्यूटिव इंजीनियर्स को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निर्धारित समय के अंदर जिन परियोजनाओं को पूरा नहीं किया गया है, उनकी सूची विभाग को जल्द से जल्द भेजें.
भाजपा विधायक ने क्या कहा था?
भाजपा विधायक नीतीश मिश्रा ने सदन में कहा था कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत कई परियोजनाओं का उद्घाटन कर दिया गया. इस दौरान किसी भी स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधियों, विधायकों को नहीं बुलाया गया. विधायक ने कहा कि कई क्षेत्रों में वहां के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सूचित किए बिना आरडब्ल्यूए ने कई परियोजनाओं की शुरुआत कर दी.
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा- अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे
सर्कुलर पर टिप्पणी करते हुए बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री जयंत राज ने कहा कि जारी आदेश का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. सरकारी कार्यों के उद्घाटन और शिलान्यास कार्यक्रम में निर्वाचित प्रतिनिधियों और एमएलसी को बुलाया जाना चाहिए. मंत्री ने कहा कि शिलान्यास और उद्घाटन बोर्ड पर मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और एमएलसी सहित सरकारी पदाधिकारियों के नाम शामिल करना भी अनिवार्य है.
Source : Aaj Tak
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