पटना। समान काम समान वेतन, सेवाशर्त सहित विभिन्न मांगों पर शिक्षक हड़ताल पर अड़े हुए हैं, तो सरकार भी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई पर अड़ी हुई है। विभिन्न जिलों में हड़ताली शिक्षकों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। हड़ताली शिक्षकों की बर्खास्तगी के साथ ही उनपर एफआइआर भी की जा रही है। पटना में गुरुवार को पांच हड़ताली शिक्षकों पर एफआइआर दर्ज करायी गई है।

बिहार सरकार ने हड़ताली शिक्षकों से दो टूक कह दिया है कि समान काम समान वेतन पर तो कोई बात भी नहीं होगी। लेकिन, नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली और वेतन वृद्धि पर बात करने के लिए दरवाजा खुला है।

शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि मैंने तो शिक्षकों से हड़ताल नहीं करने की लगातार भी अपील की। मैट्रिक की परीक्षा और इंटरमीडिएट की कॉपी मूल्यांकन के समय हड़ताल बिल्कुल उचित नहीं है। विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि समान काम समान वेतन मामले पर शिक्षक संघों की तो सुप्रीम कोर्ट में भी हार हो चुकी है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता बच्चों को शिक्षा देना है। समान काम समान वेतन मामले पर शिक्षक संघों की तो सुप्रीम कोर्ट में भी हार हो चुकी है। सरकार की आर्थिक स्थिति नहीं है कि पुराने शिक्षकों के समान वेतन दिया जा सके। पौने चार लाख शिक्षकों को इतना वेतन देने में 28 से 30 हजार करोड़ की राशि अधिक खर्च करनी होगी। इतनी राशि में सरकार की कई योजनाओं को बंद करना होगा।

पंचायती राज विभाग ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था से बहाल जो शिक्षक मैट्रिक परीक्षा के वीक्षण और कॉपी मूल्यांकन का विरोध कर रहे हैं, उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए सेवा से बर्खास्त किया जाये। जो अधिकारी इसमें शिथिलता बरतेंगे उन पर भी विधिसम्म्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा कार्यालयों में घुसकर तोड़फोड़ करने और अफसरों के साथ दुर्व्यवहार व मारपीट करने वालों पर तत्काल कार्रवाई करें।

Input : Dainik Jagran

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