पटना. क्या आप किसान हैं और खेती पर आ रही ज्यादा लागत से परेशान हैं? क्या ज्यादा खाद के इस्तेमाल के बाद भी फसल का उत्पादन नहीं बढ़ रहा है? क्या यूरिया (urea) के अंधाधुंध प्रयोग से आपकी जमीन बंजर हो रही है? क्या आप जाने-अनजाने अपने जल, जमीन और वायु को प्रदूषित कर रहे हैं? क्या पर्यावरण प्रदूषण आपको चिंतित कर रहा है? अगर, हां तो ये खबर आपके लिए है. आपकी चिंता कम करने के लिए नैनो लिक्विड यूरिया (Nano Liquid Urea) आ गया है. नैनो लिक्विड यूरिया से बिहार ही नहीं, बल्कि देश में कृषि के क्षेत्र में बड़ी क्रांति होगी. बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने नैनो यूरिया की शुरुआत हरी झंडी दिखाकर की, जिसके बाद अब जल्द ही बिहार के बाजारों में नैनो लिक्विड यूरिया उपलब्ध होगा. नैनो यूरिया फसल उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में नया कीर्तिमान स्थापित करेगा.

नैनो लिक्विड यूरिया 500 एमएल, 200 एमएल के छोटे-छोटे प्लास्टिक के बोतल में उपलब्ध होगा. आपको यकीन नहीं होगा कि 400 एमएल का ये छोटा बोतल 50 किलो की एक बोरी यूरिया से भी ज्यादा प्रभावशाली है. इस बोतल के अंदर एक यूरिया ही है लेकिन अत्यंत सूक्ष्म रूप में. जिसे पौधों की जड़ में नहीं, बल्कि पत्तियों पर छिड़काव करना होता है. और इसके बाद ये जो प्रभाव दिखाएगा उसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे. आइए जानते हैं कि क्या है नैनो लिक्विड यूरिया और क्या है इसकी खासियत.

किसानों के लिए वरदान बनकर आया नैनो लिक्विड यूरिया | Merikheti

नैनो लिक्विड यूरिया की विशेषताएं

– नैनो लिक्विड यूरिया उच्च क्षमता वाला खाद है.

– पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना पौधों को पोषण देता है.

– परंपरागत नाइट्रोजन यूरिया का बेहतर विकल्प है.

– कृषि में पारंपरिक उर्वरक प्रबंधन का बेहतर विकल्प देता है.

– 45 किलो यूरिया की जगह 400ML नैनो यूरिया पर्याप्त है.

– यूरिया के असंतुलित और अंधाधुंध प्रयोग को कम करता है.

– यह अधिक फसल उत्पादन को बढ़ावा देता है.

– इससे नाइट्रोजन का बेहतर उपयोग होता है.

– यह मिट्टी, जल और पर्यावरण प्रदूषण कम करता है.

– इससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा.

– यूरिया की बढ़ती मांग को कम करने में सहायक साबित होगा.

– इससे फसल उत्पादन में लागत बेहद कम हो जाएगी.

– यह सब्सिडी वाले यूरिया से भी सस्ता है.

– इससे सरकार के उर्वरक सब्सिडी में भी बचत होगी.

– उवर्रक आयात पर होने वाले विदेशी मुद्रा के खर्च में कमी आएगी.

पौधे नैनो यूरिया का इस्तेमाल कैसे करते हैं?

पौधे यूरिया के दानों का पूरी तरह उपयोग नहीं कर पाते हैं, जिससे इनका ज्यादातर हिस्सा बर्बाद हो जाता है. ये मिट्टी, जल और वायु को प्रदूषित करते हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं. नैनो यूरिया, यूरिया के दानों की तुलना में अत्यंत सूक्ष्म है, लेकिन अत्यंत प्रभावशाली हैं. ये समान रूप से पौधों के विभिन्न भागों में फैल कर अनुकूल प्रभाव दिखाता है और पौधों को पोषण प्रदान करता है. इसका छिड़काव पत्तियों पर किया जाता है. जो पत्तियों में मौजूद स्टोमैटा में आंतरिक क्रिया द्वारा पौधों में जरूरी प्रोटीन, अमिनो एसिड के रूप में ग्रहण कर लिया जाता है. और धीरे-धीरे पौधों की जरूरत के अनुसार उपलब्ध होता है. बेहतर परिणाम के लिए इसका पहला छिड़काव पौधों के बढ़ने के समय और दूसरा छिड़काव पौधों में फूल आने के समय किया जाना चाहिए. 400 एमएल की एक बोतल नैनो लिक्विड यूरिया से एक बैग यूरिया की कमी की जा सकती है. इससे न सिर्फ फसल का बेहतर उत्पादन होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण भी होगा.

Good news for farmers, IFFCO introduces world's first nano urea | किसानों  को मिला तोहफा, इफ्को ने दुनिया का पहला नैनो यूरिया किया पेश - India TV  Hindi News

नैनो यूरिया पूर्णत: परीक्षित है

नैनो लिक्विड यूरिया का मूल्याकन भारत सरकार के जैव प्रोद्योगिकी विभाग (Department of Bio-technology) यानी डीबीटी की ओर से किया जा चुका है. इसका मूल्यांकन फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर1985 की ओर से जारी नैनो एग्री इनपुट के मूल्यांकन के लिए जारी दिशा निर्देशों के अनुसार किया गया है. जो भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी और एफसीओ 1985 द्वारा ICAR, KBK और NABL के प्रयोगशालाओं की अनुशंसाओं पर आधारित है. प्रयोगों से ये तय हुआ कि इफको नैनो लिक्विड यूरिया फसल, किसान और पर्यावरण के लिए पूरी तरह सुरक्षित है. विभिन्न प्रयोगों से ये भी साबित हुआ है कि नैनो यूरिया के प्रयोग से किसानों को 2000 रुपये प्रति एकड़ का अतिरिक्त मुनाफा होगा. इसका उपयोग अनाज, दलहन, तेलहन, सब्जियों, फलों, घास जैसी सभी प्रकार के फसलों में किया जा सकता है. जहां तक कीमत की बात है कि तो 500 एमएल के पैक की कीमत 240 रुपये है. फिलहाल इस पर कोई सब्सिडी नहीं दी जा रही है.

नैनो यूरिया किसने बनाया?

इस क्रांतिकारी उत्पाद को बनाया है सहकारी संस्थान IFFCO के NBRC कलोल ने, जो कृषि उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आया है.

Source : News18

maths-point-by-neetesh-sir

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *