पटना: बिहार में घुसपैठियों के बसने के मुद्दे पर इन दिनों विवाद जारी है. पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद तरह-तरह के बयान सामने आ रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय\ ने इस संबंध में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सीमांचल के इलाके में बड़ी संख्या में घुसपैठियों बसते जा रहे हैं. दलालों के जरिए बाहरी लोगों को लाकर वहां की जमीनें बेची जा रही हैं. उनकी मानें तो सीमांचल में समीक्षा बैठक के दौरान उन्हें ये जानकारी मिली है.
सीमांचल में रैकेट चला रहे हैं दलाल
एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री रामसूरत राय ने कहा, ” विदेशी पैसों का इस्तेमाल जमीन खरीदने में किया जा रहा है. इस सहारे लोग घुसपैठ कर रहे हैं. वहीं, खास लोगों के जरिए घुसपैठियों को अपने समाज का लोग बताया जा रहा है. दलाल मंदिर, मठों, भूदान और लाल पर्चे की जमीनों को घुसपैठियों को बेच रहे हैं. वहीं, उस पर बाजार, मॉल और संस्था बनाने के सीमांचल में रैकेट चल रहे हैं.”
जमीनों का जमाबंदी किया जाएगा
मंत्री रामसूरत राय ने कहा, ” बिहार सरकार और बीजेपी (BJP) दोनों ही बिहार में घुसपैठियों को रोकने पर काम कर रही है. देश की जमीन की रक्षा के लिए भूमि एवं राजस्व विभाग काम कर रहा है. सभी जमीनों का जमाबंदी करा कर उसे पोर्टल पर लाया जाएगा. ताकि जो हेराफेरी की गई है, वो सामने आ जाए.”
जेडीयू ने किया पलटवार
इधर, उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि सरकार में वे स्वयं हैं और जो सरकार में हो उसे सरकार से डिमांड करने की क्या आवश्यकता है. ये तो विचित्र इश्यू है. भूमि मंत्रालय उनके ही पास है तो उसका भी सर्वे हो जाना चाहिए कि कितनी सरकारी जमीन ऐसी है जिनपर किसी समुदाय या किस धर्म के लोगों ने धर्मिक स्थल बनाकर कब्जा कर रखा है. ये भी लिस्ट सार्वजनिक कर देनी चाहिए. निराधार और तथ्यहीन बातें करके कोई फायदा नहीं है. केंद्र और राज्य की दोनों जगह एनडीए की सरकार है और इस तरह की बात करना बेतुका है. सीमांचल में ऐसा कुछ नहीं है. लेकिन अगर किसी के मन में किसी तरह की घुसपैठ हो तो उसकी दवा नहीं है.
पटना हाईकोर्ट ने दिया आदेश
बता दें कि बीते दिनों पटना हाईकोर्ट ने बिहार में घुसपैठियों को चिन्हित करने और डिटेंशन सेंटर बनाए जाने को लेकर आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश को लेकर बिहार सरकार ने राज्य में घुसपैठियों के पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इधर, बिहार सरकार के इस कदम पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि बिहार सरकार बैक डोर से एनआरसी-सीएए (CAA-NRC) लागू करना चाहती है.
बीजेपी ने साधा था निशाना
उनके इस बयान पर बीजेपी ने प्रतिक्रिया दी थी. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, ” मोहम्मद असदुद्दीन ओवैसी एनआरसी का नाम लेकर मुसलमानों को भड़काना चाहते हैं. असदुद्दीन ओवैसी को समझ की कमी है. ये सिर्फ कांग्रेस-आरजेडी की तर्ज पर मुसलमानों की भावनाओं को भड़का कर राजनीति करना चाहते हैं. उनको लगता है कि एनआरसी के नाम पर राजनीति करने से वो मुसलमानों की भावना को आसानी से भड़का सकते हैं. किसी भी देश में कोई भी व्यक्ति बिना पासपोर्ट और वीजा के रह नहीं सकता है, जिनको राजनीतिक आश्रय या शरणार्थी का दर्जा नहीं मिला हो, उसके अलावा बाहर से आये लोग अवैध निवासी ही माने जाएंगे.”
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Source : ABP News