बेंगलुरु. कर्नाटक की एक महिला ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को अपने गांव में सड़कों की कमी की बात बताते हुए ईमेल भेजा है. उसने ईमेल में लिखा है कि वह तब तक शादी नहीं कर सकती जब तक उसके गांव में सड़क नहीं बन जाती और वहां बस सेवा की शुरुआत नहीं हो जाती. उसने यह भी लिखा है कि उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाला वहां कोई नहीं बचेगा. उसके ईमेल पर सरकार की ओर से तुरंत कार्रवाई की गई. जिले के अफसर गुरुवार को उसके गांव पहुंचे और उसकी मांग पर काम किए जाने का वादा किया.

कर्नाटक के दावणगेरे जिले के एच रामपुरा गांव की रहने वाली बिंदु आर डी ने 9 सितंबर को सीएम बोम्मई को ईमेल लिखकर अपने गांव के लिए सड़क और बस सेवा की मांग की थी. अपने गांव की इकलौती पोस्ट ग्रेजुएट महिला ने कहा कि वह शादी नहीं कर सकती और सड़क बनने तक अपने पैतृक स्थान को नहीं छोड़ सकती, नहीं तो उसके गांव के लिए लड़ने वाला कोई नहीं बचेगा.

अपने ईमेल में बिंदु ने कहा कि उसे अपनी शिक्षा के लिए अपनी युवावस्था के दौरान एक हॉस्‍टल में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि गांव से आने जाने के लिए सड़कें और बसें नहीं थीं. एच रामपुरा गांव दावणगेरे शहर से करीब 37 किमी दूर स्थित है. इसमें करीब 60 घर हैं. यहां 300 लोगों की आबादी है.

इस गांव में स्‍कूल और स्‍वास्‍थ्‍य सेवा केंद्र भी नहीं है. इसके लिए गांव वालों को 7 किमी दूर मायाकोंडा गांव जाना पड़ता है. गुरुवार को दावणगेरे जिले के डिप्‍टी कमिश्‍नर ने एच रामपुरा का दौरा किया था. उन्‍हें गांव तक पहुंचने के लिए 2 किमी चलना पड़ा था. इसके बाद उन्‍होंने स्‍थानीय अफसरों को शुक्रवार से संपर्क मार्ग बनाने का काम शुरू करने के निर्देश दिए.

इस पर बिंदु का कहना है कि उसके गांव में कक्षा 5 तक का स्‍कूल है. लेकिन अगर किसी को उससे अधिक पढ़ना होता है तो उसे दिन में 14 किमी पैदल चलना होता है. यही कारण है कि उसके गांव की अधिकांश महिलाओं ने स्‍कूली पढ़ाई छोड़ दी थी.

Source : News18

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