मां वैष्णो देवी ( Maa Vaishno Devi ) और अमरनाथ ( Amarnath ) यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) स्थिति इन तीर्थों पर जाने वाले यात्रियों की यात्रा अब और सुगम होने वाली है। श्रीनगर के बाद जम्मू संभाग में मौसम आपदा प्रबंधन सक्षम और मजबूत होगा।

अत्याधुनिक डॉप्लर रडार सिस्टम से दो से तीन घंटे पहले ही भारी बारिश, बाढ़, बादल फटने, और आंधी जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकेंगी। ऐसे में यात्रियों को अपनी यात्रा को लेकर निर्णय लेने में आसानी होगी।

5 सितंबर को केंद्रीय मंत्री रडार सिस्टम करेंगे जनता को समर्पित
मां वैष्णो देवी और अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा अब और सुगम होने जा रही है। पीएमओ में मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह पांच सितंबर को बनतालाब स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के कार्यालय में रडार सिस्टम को जम्मू संभाग के लोगों को समर्पित करेंगे।

इस सिस्टम के लगने से मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी। भारी बारिश, बाढ़, बादल फटने, और आंधी जैसी घटनाओं के चलते यात्रा में कई बार मुश्किल खड़ी हो जाती है, लेकिन अब ये परेशानी नहीं होगी। यात्रियों को दो से तीन घंटे पहले ही मौसम की सही जानकारी मिलने से वे अनी यात्रा को समय के मुताबिक आगे बढ़ा सकेंगे। यही नहीं जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकेगा।

रडार सिस्टम की खासियत

इंटिग्रेटेड हिमालयन मेट्रोलॉजिकल प्रोग्राम के तहत लगाया गया यह रडार सौ किलोमीटर हवाई क्षेत्र को कवर करेगा। यही नहीं इसमें कश्मीर के भी कुछ जिले कवर होंगे। दरअसल जम्मू संभाग के दस जिलों में मौजूदा ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे दो से तीन घंटे पहले मौसम का पूर्वानुमान मिल सके। खासतौर पर बरसात के सीजन में ऐसी सुविधा न होने के कारण भारी जानमाल के नुकसान की आशंका रहती है। इसमें विशेषतौर पर बादल फटने की घटनाओं ने अधिक तबाही मचाई है। हाल ही में किश्तवाड़ के उच्च पर्वतीय क्षेत्र में बादल फटने से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

बता दें कि आमतौर पर बादल फटने में एक घंटे के अंदर ही 100 मिलीमीटर से ज्यादा तेज बारिश होती है। ऐसे में मौसम संबंधी पूर्व जानकारी न होने के चलते नदी नालों में अचानक पानी के तेज बहाव हो जाता है, जो कई बार जानलेवा साबित होता है।

मौजूदा समय में मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर की ओर से जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों के लिए अगले 24 घंटे के मौसम संबंधी जानकारी दी जाती है, लेकिन इसमें दो से तीन घंटे पूर्व किसी आपात स्थिति की चेतावनी की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में नए डाप्लस रडार सिस्टम के आने से ये सुविधा भी मिल जाएगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा मा वैष्णो देवी और अमरनाथ जैसे यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को होगा। बता दें कि श्रीनगर में ऐसे डॉप्लर रडार सिस्टम 2014 में स्थापित किया गया था। लेकिन जम्मू संभाग में अब तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी।

Source: Patrika

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