मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल में आपरेशन के बाद फैले संक्रमण के चलते 15 लोगों की एक-एक आंख निकाले जाने के बाद राजधानी पटना तक सक्रियता बढ़ गई है। राज्य सरकार के निर्देश के बाद एसकेएमसीएच में भर्ती नौ मरीजों को बेहतर उपचार के लिए इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के क्षेत्रीय आंख संस्थान (आरआइओ) पहुंचाया गया है। संस्थान के चीफ डा. विभूति प्रसन्न सिन्हा के निर्देशन में नौ मरीजों का उपचार शुरू किया गया। इन मरीजों से मिलने के लिए देर शाम स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पहुंचे। आइजीआइएमएस के डाक्टरों ने तीन मरीजों की आंखें बचने की गुंजाइश को देखते हुए देर शाम ही आपरेशन की तैयारी शुरू कर दी। इनमें वैशाली जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र निवासी जगदीश राम, मुजफ्फरपुर के मुशहरी थाना क्षेत्र के मोमिनपुर निवासी मो. जुमराती और अलौली थाना क्षेत्र हरीपुर निष्ठा निवासीभागमती देवी शामिल हैं। डा. विभूति ने कहा कि दो मरीजों का कार्निया प्रत्यारोपण के साथ विक्ट्रेटामी किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी मरीजों को आइजीआइएमएस लाया गया है। सरकारी खर्च पर उपचार कराया जा रहा है। विभाग की विशेष टीम जांच के लिए मुजफ्फरपुर गई थी। उपकरण से लेकर फ्लूइड के सैंपल लिए गए हैं। इनके कल्चर जांच की रिपोर्ट शनिवार तक आ जाएगी। अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआइआर कराई गई है। सरकार पूरे मामले पर नजर रख रही है।

आई हास्पिटल ने बेहतर लेंस के लिए ली थी राशि

आइजीआइएमएस पहुंचे नौ मरीजों में छह ने बताया कि बेहतर लेंस लगाने के लिए उनसे दो से तीन हजार रुपये लिए गए। दो मरीजों ने कोई राशि नहीं दी। एक मरीज से पांच सौ रुपये लिए गए। जगदीश राम ने बताया कि उनसे आपरेशन के लिए दो हजार रुपये लिए गए।

केंद्र ने मुजफ्फरपुर आंख प्रकरण की मांगी रिपोर्ट

केंद्र सरकार ने मुजफ्फरपुर में आई हास्पिटल प्रकरण में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय. ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग से कहा है कि वह विस्तृत रिपोर्ट देकर बताए कि मुजफ्फरपुर में हुए मोतिया¨बद आपरेशन में किस गड़बड़ी या चूक की वजह से इतनी बड़ी घटना घटी की अब तक बड़ी संख्या में आपरेशन कराने वालों की आंख निकालनी पड़ी है।

मंत्रलय की ओर से स्वास्थ्य .विभाग के अपर मुख्य सचिव को एक पत्र भेज पूरे प्रकरण की जानकारी तलब की गई है। पत्र में अपर मुख्य सचिव से घटना में पीड़ितों की कुल संख्या और राज्य सरकार के स्तर पर पीड़ितों के इलाज के लिए कई गई व्यवस्था की जानकारी भी मांगी गई है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रलय के निर्देश मिलने के पूर्व ही सरकार ने पूरे प्रकरण में दोषियों और दोषी संस्थान पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही एक जांच टीम भी मुजफ्फरपुर भेजी गई है। घटना की विस्तृत जानकारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आई हास्पिटल मामले के पीड़ितों के इलाज की मुफ्त व्यवस्था भी कर दी है। अब तक नौ पीड़ित पटना लाए गए हैं और उनका इलाज आइजीआइएमएस के आई वार्ड में शुरू कर दिया गया है। जांच टीम के वापस आने और रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग मंत्रलय को मामले की पूरी जानकारी मुहैया कराएगा। बता दें कि मुख्यालय ये गई टीम ने मुजफ्फरपुर आई हास्पिटल का निरीक्षण किया और एसकेएमसीएच में भर्ती मरीजों से मिलकर उनसे विस्तार से मामले की जानकारी भी प्राप्त की है। उम्मीद है कि जांच टीम मंगलवार तक अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी।

Source : Dainik Jagran

(मुजफ्फरपुर नाउ के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *