बिहार में कोरोना का आलम ये है कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए तीन से चार गुना आवेदन ज्यादा आ रहे हैं। पटना में तो ये संख्या और भी ज्यादा है। मुजफ्फरपुर नगर निगम में आमतौर पर रोजाना 8 से 10 मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन आया करता था। जब से कोरोना की दूसरी लहर ने जोर पकड़ा है, तब से इसकी संख्या बढ़कर 30 से 40 हो गई है।

मृत्यु प्रमाण प्रमाण पत्र के लिए तीन से चार गुना ज्यादा आवेदन

मुजफ्फरपुर नगर निगम से आम दिनों में 8 से 10 मृत्यु प्रमाण पत्र बना करते थे, वहीं कोरोना महामारी के दौर में लाशों के गिरने का आलम यह है कि रोजाना 30 से 40 मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदनों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। मुजफ्फरपुर के मेयर सुरेश कुमार ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी लगा दिया गया है। ताकि समय पर सर्टिफिकेट दिया जा सके।

मुजफ्फरपुर शहर में कोरोना से कम से कम 300 लोगों की मौत

कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पिछले साल आधिकारिक तौर पर 102 लोगों की मौत का आंकड़ा दिया गया था। वहीं दूसरी लहर में अब तक 190 लोगों कि मौत कोरोना से हो चुकी है। यह जानकारी देते हुए सूचना-जनसंपर्क विभाग के अधिकारी कमल सिंह ने बताया कि गुरुवार की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है, मगर अब तक का आंकड़ा लगभग 300 तक पहुंच चुका है।

मुक्ति धाम में भी कोरोना की वजह से दाह-संस्कार के लिए भीड़

सिर्फ नगर निगम में ही मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए अतिरिक्त कर्मचारी नहीं लगाए हैं बल्कि मुक्ति धाम में भी करोना इफेक्ट दिख रहा है। मुक्ति धाम प्रभारी रमेश केजरीवाल ने बताया कि दूसरी लहर में प्रत्येक दिन 8 -10 से शुरू हुआ मौत का आंकड़ा अब 20 तक छू रहा है। दूसरी ओर बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनके परिजन मौत के शिकार तो हो रहे हैं लेकिन भय के माहौल में कोरोना जांच कराने से या मौत का कारण कोरोना होना छुपा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह दाह-संस्कार में होनेवाली परेशानी है। गांव के लोग कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव का दाह-संस्कार नहीं होने देना चाह रहे हैं। जिसके कारण कोरोना संक्रमित के शव को कोई परेशानी ना हो, इसलिए जल्द से जल्द परिजन दाह-संस्कार कर दे रहे हैं।

Source : NBT

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