केंद्र सरकार के एक आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोविड टेस्ट की व्यवस्था में बड़े बदलाव किए हैं। नई व्यवस्था के तहत होम आइसोलेशन वाले मरीजों को सात दिन के बाद टेस्ट की दरकार नहीं है। इसके साथ ही अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अस्पताल में किसी भी इलाज के लिए आने वाले मरीज का तब तक कोविड टेस्ट ना करें जब तक की उसमें कोरोना का कोई लक्षण ना हो। आइसीएमआर की नई गाइडलाइन जारी होने के बाद इसकी जानकारी जिलों को भी दे दी गई है।
दूसरी लहर के जैसे नियम नहीं हैं इस बार
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मंगलवार को बताया कि दूसरी लहर में जांच को लेकर दूसरे तरह के नियम थे, लेकिन नई व्यवस्था में काफी बदलाव किए गए हैं। पहले कांटेक्ट ट्रेसिंग को ध्यान में रखकर संपर्क में आने वाले सभी लोगों की जांच के नियम थे, लेकिन अब कम्युनिटी स्प्रेड है, लिहाजा यह व्यवस्था की गई है कि सबकी जांच आवश्यक नहीं। जिनमें लक्षण होंगे सिर्फ उन्हीं की जांच होगी।
- कोरोना टेस्ट की व्यवस्था में बदलाव, लक्षण हैं तभी टेस्ट
- केंद्र की नई गाइड लाइन के बाद लिया गया फैसला
- जिलों को नई व्यवस्था से कराया गया अवगत
देश के अंदर यात्रा करने वालों को टेस्ट जरूरी नहीं
60 से अधिक आयु वाले जो किसी भी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें निश्चित रूप से संपर्क में आने की स्थिति में अपना टेस्ट कराना चाहिए। प्रत्यय अमृत ने कहा जो लोग देश के अंदर यात्रा कर रहे हैं और यदि उनमें लक्षण नहीं तो उन्हें कोविड टेस्ट कराने की जरूरत नहीं। लेकिन विदेश से आने वाले यात्रियों की जांच जारी रहेगी। उन्होंने बताया आइसीएमआर की गाइडलाइंस से जिलों को अवगत करा दिया गया है। इससे नियमित यात्रियों को काफी सुविधा होगी।
Source : Dainik Jagran