जदयू ने मांग की है कि भ्रष्टाचार के मामले में रांची के होटवार जेल में सजा काट रहे राजद राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा बांटे गए टिकट पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का नामांकन अवैध घोषित किया जाय। इस मांग को लेकर जदयू के विधान पार्षद व प्रवक्ता नीरज कुमार ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है। शुक्रवार को उन्होंने चुनाव आयोग को भेजा पत्र मीडिया में जारी किया।

कहा कि यह नीतिगत मामला है। जब बेल पेटिशन के वकालतनामा पर भी लालू यादव को जेल सुपरिटेंडेंट का हस्ताक्षर लेना पड़ता है, ऐसे में यह देखना होगा कि उन्होंने इसके लिए कोई आदेश लिया कि नहीं। श्री नीरज ने चुनाव आयुक्त को भेजे अपने पत्र में कहा है कि लालू एक पार्टी के अध्यक्ष भी हैं और लोकसभा चुनाव में अपने हस्ताक्षर से ही टिकट भी बांटे हैं। क्या टिकट बांटने में उन्होंने हस्ताक्षर करने के लिए अदालत से आदेश लिया है? अगर नहीं तो उनके द्वारा बांटे गए टिकट पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के नामांकन को अवैध घोषित किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग से निवेदन है कि वह यथोचित कार्रवाई करे।

जहां तक प्रावधानों का प्रश्न है, जितने उपलब्ध इंस्ट्रक्शन हैं उसके मुताबिक ऐसा करने की मनाही नहीं है। जिस मामले की चर्चा की गई है, उसमें जितने भी कैंडिडेट के फार्म ए और बी चुनाव आयोग के पास आए हैं, सभी संबंधित जेल सुपिरिटेंडेंट द्वारा एटेस्टेड हैं।
संजय कुमार सिंह, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार

जदयू प्रवक्ता नीरज ट्यूटर बदलें : राजद
राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार को चुनाव आयोग को पत्र लिखने के पहले जेल मैनुअल, नामांकन के लिए चुनाव आयोग के नियमों एवं प्रपत्रों, आदर्श चुनाव आचार संहिता के साथ ही आइपीसी की धाराओं का अध्ययन कर लेना चाहिए। आदर्श चुनाव आचार संहिता के अनुसार मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करना भी गंभीर अपराध है। जदयू प्रवक्ता ने मतदाताओं को भ्रमित करने के उद्देश्य से ऐसे पत्र को मीडिया में जारी किया है। अतः चुनाव आयोग को स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। गगन ने नीरज को अपना ट्यूटर बदलने की सलाह दी है। आरोप लगाया कि नीरज कुमार सुशील कुमार मोदी से ट्यूशन पढ़ते हैं। उन्हें लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव और उनके परिवार के नाम के अलावा और कुछ आता ही नहीं है।

Input : Live Hindustan

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