भारत बायोटेक ने बुधवार को कहा कि कोवैक्सिन लगाए जाने के बाद पैरासिटामॉल या फिर किसी भी तरह की अन्य दर्द निवारक दवा लेने का सुझाव नहीं दिया जा रहा है. वैक्सीनेशन सेंटर्स पर बच्चों को कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के बाद 500 एमजी की 3 पैरासिटामॉल लेने के सुझाव के बाद ये आदेश जारी किया गया है. भारत बायोटेक की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया कि, हमारा क्लीनिकल ट्रायल करीब 30,000 लोगों पर किया गया था जिसमें करीब 10-20 फीसदी लोगों में साइट इफेक्ट्स देखे गए थे. अधिकतर में यह लक्षण काफी हल्के थे जो कि 1-2 दिन में सही हो गए थे और उन्हें दवा देने की जरूरत नहीं पड़ी थी. डॉक्टर से परामर्श के बाद ही दवा लेने का सुझाव दिया गया है.

भारत बायोटेक ने कहा कि पैरासिटामॉल को किसी अन्य कोविड-19 वैक्सीन के बाद लेने का सुझाव दिया जाता है, कोवैक्सिन के बाद नहीं. पिछले महीने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कुछ शर्तों के साथ 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी. देश में तीन जनवरी से 15-18 वर्ष के किशोरों के लिए टीकाकरण शुरू किया गया है जिसके तहत उन्हें सिर्फ कोवैक्सीन का ही टीका लगाया जा रहा है.

देश में 3 जनवरी से 15-18 साल के किशोरों के टीकाकरण की शुरुआत हुई है. केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि भारत के 15-18 वर्ष की आयु के 1.06 करोड़ या 14.3 प्रतिशत किशोरों को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है. सरकार ने कहा कि देश में 15-18 वर्ष आयु वर्ग के अनुमानित 7,40,57,000 किशोर हैं और वे टीकाकरण के लिए पात्र हैं.

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात राष्ट्र के नाम संदेश में ऐलान किया था कि तीन जनवरी से 15-18 साल आयु वर्ग के किशोरों के लिए कोविड रोधी टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा जबकि 10 जनवरी से स्वास्थ्य एवं अग्रिम पंक्ति के कर्मियों को ‘एहतियाती खुराक’ यानी तीसरी खुराक लगाई जाएगी.

देश में तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है.

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