मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण एसकेएमसीएच व सदर अस्पताल का निरीक्षण कर वहां की इलाज व्यवस्था को नजदीक से देखा। सदर अस्पताल में प्रवेश करने के साथ उनका गंदगी से सामना हुआ। मेल वार्ड में पहुंचे तो शिकायत मिली कि कुछ दवा यहां मिलती कुछ बाहर से खरीदते हैं। यह भी सामने आया कि प्रसव के लिए रात में आने वाले को रेफर कर दिया जाता है। चिकित्सकों की लंबी फौज तब भी बेड खाली रहता है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए सुधार की नसीहत दी।

सिविल सर्जन सहित सभी वरीय अधिकारियों से कहा कि सदर अस्पताल की इलाज सुविधा को मजबूत करंे। सही तरीके से रोस्टर का पालन हो। कोई यहां पर आए तो लगे कि प्रमंडल मुख्यालय का यह अस्पताल है।

आक्सीजन की मिलेगी सुविधा एसकेएमसीएच में आइसीआइसी बैंक की ओर से बनाए गए सौ बेड के कोरोना वार्ड का शुभारंभ किया। यह वार्ड कैंसर अस्पताल के जिम्मे रहेगा। होमी भाभा कैंसर अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया। हर बेड पर आक्सीजन की सुविधा है।

रात में नहीं मिलते चिकित्सक

शाम में सदर अस्पताल में कोरोना टीका केंद्र का निरीक्षण किया। इसके बाद पुरुष सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीजों से मिले। मरीजों ने कहा कि कुछ दवा मिलती है, कुछ बाहर से खरीदना पड़ती हैं। चिकित्सक रात में कभी-कभी आते हैं। गंदगी पर कहा कि सफाई जो हाल है कि अगर मरीज इलाज कराने आए वह और बीमारी हो जाएगा। मातृ शिशु सदन निरीक्षण में पूछा कि हर महीने कितनी महिलाओं का प्रसव होता है। बताया गया कि तीन सौ प्रसव होता हैं। सवाल किया अगर सौ बेड हैं तो तीन सौ कैसे भर्ती करते हैं। इस अनुपात में तो एक बेड पर तीन मरीज रहेंगे, लेकिन यहां पर सब खाली हैं।

Source : Dainik Jagran

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