प्रखंड के रूपौली गांव में मंगलवार की शाम अचानक अफरा-तफरी मच गई। बड़ी संख्या में लोग उल्टी व दस्त से बीमार हो गए। इस दौरान एक बच्चे की मौत हो गई। 30 से अधिक बीमार हो गए जिन्हें सरैया सीएचसी व केजरीवाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया गया कि सभी बच्चों ने रूपौली निवासी राजू महतो के यहां रविवार को श्रद्ध का भोज खाया था। हालांकि, बच्चों का इलाज कराने आई महिलाओं  ने भोज खाने से बीमार होने की बात से इन्कार किया है। मृतक की पहचान बिगन महतो के आठ वर्षीय पुत्र निशांत कुमार के रूप में हुई है।

वहीं, वीरेंद्र महतो का पुत्र प्रिंस, सिपाही लाल महतो सहित कई का गंभीर अवस्था में इलाज कराया जा रहा है। बीमार बच्चों में नथुनी महतो के पुत्र जितेंद्र व अंकुश कुमार, उमेश महतो की पुत्री रिया, लालू महतो की पुत्री, शंकर महतो का पुत्र, लालबाबू महतो का पुत्र आशुतोष, विश्वनाथ महतो का पुत्र, सुरेंद्र महतो का पुत्र सहित अन्य शामिल हैं। सरैया सीएचसी में बबिता कुमारी, रिशु, शालिनी, आरती, रजनीश, प्रियांशु, मुसकान, आकृति, कविता, पायल, शिवम, संध्या, लड्डू, च्योति कुमारी, पल्लवी व निशांत का इलाज चल रहा है। इधर, सूचना मिलने पर सीएचसी सरैया से एंबुलेंस भेजकर सात बीमारों को लाया गया। डा. मो. अब्दुल्लाह, देवराज, ऋषि व देवेंद्र मोहन दिनकर की टीम बच्चों का इलाज कर रही है। चिकित्सकों ने इसे फूड पाइजनिंग का मामला बताया। इधर, गंभीर हालत होने पर नौ बच्चों को केजरीवाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। केजरीवाल के डा. राजीव कुमार ने बताया कि अस्पताल पहुंचने के पहले ही बिगन महतो के 10 वर्षीय पुत्र निशांत कुमार ने दम तोड़ दिया। इलाजरत बच्चों की स्थिति में सुधार हो रहा है। बीमारी का कारण भोज खाने के बाद फूड पाइजनिंग बताया गया है।

उधर, सूचना पर सिविल सर्जन डा. विनय कुमार शर्मा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सरैया प्रभारी को प्रभावित गांव में मेडिकल टीम भेजने का निर्देश दिया। एसीएमओ के साथ सीएस प्रभावित गांव का जायजा लिया। इसके पूर्व उनके आदेश के बाद प्रभारी डा. डीसी शर्मा ने दो एंबुलेंस के साथ चिकित्सकों की टीम व दवा भेजा। टीम ने देर रात तक एंबुलेंस से 20 लोगों को सरैया पीएचसी में भर्ती कराया। पीएचसी प्रभारी ने बताया कि दो एंबुलेंस से बीमार 20 लोगों को पीएचसी लाकर इलाज किया जा रहा है। प्रभारी ने बताया कि बुधवार को मेडिकल टीम गांव में कैंप कर अन्य लोगों का इलाज शुरू करेगी। इधर, सिविल सर्जन ने बताया कि पीएचसी प्रभारी ने उन्हें बताया कि गांव में एक श्रद्ध का भोज था। भोज खाकर लौटने के बाद उल्टी व दस्त होनी शुरू हो गई। सूचना मिलने पर तुरंत मेडिकल टीम को भेजकर इलाज शुरू कराया गया है। इधर, रूपौली में फूड पाइजनिंग की सूचना पर पारू विधायक अशोक कुमार सिंह, बीडीओ शत्रुंजय कुमार सिंह, थानाध्यक्ष र¨वद्र कुमार यादव, जिला पार्षद विपिन शाही, पैक्स अध्यक्ष उदय शाही आदि सीएचसी पहुंचे और चिकत्सकों  से इलाज के बारे में विमर्श किया। इलाज को लेकर वरीय पदाधिकारी से संपर्क किया।

प्रशासनिक महकमे में मचा हड़कंप निगरानी कर रही मेडिकल टीम

सरैया प्रखंड के रूपौली गांव में फूड प्वाइजनिंग से पीड़ित बच्चों की सूचना से हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मेडिकल टीम के साथ सिविल सर्जन एवं एसीएमओ को गांव भेजा गया है। जिला प्रशासन ने बयान जारी कर मामले की पुष्टि की है। इसमें कहा गया है कि रुपौली गांव में श्रद्ध का भोजन करने से बच्चे फूड प्वाइजनिंग से पीड़ित हुए हैं। प्रशासन ने 20 से 25 बच्चों के बीमार होने की पुष्टि की है।

सरैया पीएचसी के धनुपरा गांव में भी 16 सितंबर को डायरिया से 16 लोग बीमार हुए थे। इसमें दो की मौत भी हो गई। इसमें भी स्वास्थ्य विभाग ने श्रद्ध का भोज बताकर मामले को दबा दिया था। आश्चर्य की बात तो यह है कि इस गांव में डायरिया की सूचना के बाद भी वहां पदस्थापित दो चिकित्सक व फार्मासिस्ट बिना छुट्टी के घर पर सोते रहे। सिविल सर्जन व सरैया पीएचसी प्रभारी द्वारा सूचित किए जाने के बाद कोई चिकित्सक प्रभावित कैंप अस्पताल में नहीं पहुंचे। फार्मासिस्ट के नहीं पहुंचने से गांव में हैलोजन टेबलेट और ओआरएस व ब्लीचिंग पावडर का उस दिन वितरण नहीं हो सका था। सिविल सर्जन ने गंभीरता से लेते हुए तीनों लोगों का वेतन पर रोक लगा दी है। अब रूपौली गांव में भी डायरिया फैलने पर स्वास्थ्य विभाग ने भोज खाने के बाद फूड पाइजनिंग बताया है। हद तो तब हो गई जब पीएचसी प्रभारी ने कहा कि वे बुधवार को प्रभावित गांव में जाकर जायजा लेंगे। जबकि गांव के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।

Source : Dainik Jagran

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