सावन का तीसरा सोमवार 09 अगस्त को है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवभक्तों के द्वारा सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है और शिव मंदिरों में भी भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिलती है। मान्यता है कि जो कोई भक्त सावन सोमवार व्रत सच्चे मन करता है उसे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही इस व्रत से कुंडली में चंद्र ग्रह से जुड़े सभी दोष दूर होते हैं। अविववाहित लड़कियों को योग्य वर प्राप्त होता है और शादीशुदा भक्तों का वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। सावन सोमवार व्रत से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन सोमवार के दिन श्रावण मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पड़ रही है। वहीं चंद्र ग्रह अपनी स्वराशि कर्क में विराजमान होंगे। सावन सोमवार में राहु काल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। राहु काल को अशुभ योग माना गया है। इस योग में पूजा और शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

सावन सोमवार के दिन राहुकाल

09 अगस्त को राहु काल का समय प्रात: 07 बजकर 26 मिनट से प्रात: 09 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त प्रात: 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक है। माना जाता है कि इस समय कोई भी कार्य करने पर विजय प्राप्त होती है।

सावन सोमवार व्रत विधि

सुबह दिन जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प करें। फिर
शिव मंदिर जाकर भोलेनाथ का गंगा जल चढ़ाएं। साथ ही माता पार्वती और नंदीजी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं। पंचामृत से रुद्राभिषेक करें, बिल्व पत्र अर्पित करें। भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजें भांग-धतूरा, चंदन, अक्षत चढ़ाएं। प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी शक्कर का भोग लगाएं। धूप, दीप से गणेश जी की आरती करें। अंत में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें। शाम को पूजा के बाद व्रत खोलकर सात्विक भोजन ग्रहण करें।

शिवजी को अर्पित करें ये चीजें

भगवान भोले भंडारी को बिल्व पत्र बहुत ही प्रिय होता है। मान्यता है जो भी शिवलिंग पर नियमित रूप से बिल्व पत्र चढ़ाता है उसकी हर तरह की मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा भगवान शिव को शमी के पत्ते पसंद होते हैं इसलिए सावन के हर दिन शिवलिंग पर शमी के पत्ते जरूर चढ़ाएं। भगवान शिव का दूध और गंगाजल से अभिषेक करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। शिवजी को भी काफी पसंद होता है इसलिए शिवजी की कृपा पाने के लिए इसे जरूर चढ़ाएं।

शिवजी को प्रिय

भगवान को कनेर, बेला और चमेली का फूल बहुत ही प्रिय होता है। बेला के पुष्पों से पूजन करने पर भगवान शिव, विवाह करने की इच्छा रखने वालों को मनोनुकूल वर और वधू प्रदान करते हैं। चमेली के सुगन्धित पुष्पों से शिव की पूजा करके मनुष्य वाहनों को उपलब्ध करता है। चमेली के फूल चढ़ाने से अच्छे वस्त्रों की अभिलाषा पूरी होती है। सावन के महीने में शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी तरह की सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Input: amar ujala

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