स्मार्ट सिटी रैंकिंग में मुजफ्फरपुर शहर एक बार फिर चार साल पहले यानी 2017 वाली रैंकिंग पर पहुंच गई है। 25 जून को जारी रैंकिंग में शहर को 99वां स्थान मिला है। जबकि, 5 अप्रैल को जारी रैंकिंग में मुजफ्फरपुर 81वें स्थान पर था। इसी साल फरवरी की रैंकिंग (86वां स्थान) में सिटी ने 5 पायदान की छलांग लगाई थी। कुल मिला कर 4 साल पहले मुजफ्फरपुर के स्मार्ट सिटी में चयन होने से शहरवासियाें में विकास की जो उम्मीद जगी थी, वह अब निराशा में बदलती जा रही है। वजह यह है कि चार साल में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ।

हालांकि, अब तक 17.72 करोड़ रुपए सिर्फ ऑफिस से लेकर प्रोजेक्ट बनाने पर खर्च हो चुके। शहर में ट्रैफिक जाम, सड़काें के गड्ढे, अधूरे और टूटे बंद पड़े नालाें में बजबजाता पानी, हर बरसात की तरह अब भी जलजमाव जैसी वर्षाें की समस्याएं खत्म होने के बदले बढ़ी ही हैं। बता दें कि मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी का बजट 1580 करोड़ रुपए का है। इसमें 112.50 करोड़ रुपए केंद्र और राज्य सरकार से मिल चुके हैं।

लेकिन, काम के नाम पर फेस लिफ्टिंग के तहत कमिश्नरी की दीवार पर अाधी-अधूरी मधुबनी पेंटिंग हाेकर रुकी हुई है। स्मार्ट सड़क बनाने के लिए 6 माह से सर्वे ही चल रहा है।स्मार्ट सिटी के प्रमुख प्रोजेक्ट जो अब भी अटके हैं : {सूतापट्टी, लहठी बाजार इस्लामपुर, सरैयागंज इलाके का जीर्णोद्धार। {बैरिया गोलंबर से लक्ष्मी चौक, महेश बाबू चौक, इमलीचट्टी होते हुए स्टेशन तक स्मार्ट रोड का निर्माण। {ट्रैफिक-क्राइम कंट्रोल, फायर ब्रिगेड की माॅनिटरिंग के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निर्माण। {नगर थाना से कल्याणी चौक होते हुए हरिसभा चौक तक स्मार्ट रोड व फुटपाथ का निर्माण।

पटना, भागलपुर और बिहारशरीफ की रैंकिंग भी गिरी

मुजफ्फरपुर के साथ ही स्मार्ट सिटी पटना, भागलपुर व बिहारशरीफ की रैंकिंग भी गिरी है। 5 अप्रैल को पटना 32वें स्थान था, नई रैंकिंग में 62वां स्थान मिला है। भागलपुर रैंकिंग में 53वें से 91वें स्थान पर और बिहारशरीफ 54वें से 70वें स्थान पर पहुंच गया है।

Input: dainik bhaskar

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