कोरोना महामारी के दौरान बिहार में एंबुलेंस को लेकर भी विवाद लगातार जारी है. बक्सर से लेकर छपरा तक इससे जुड़ा मामला सामने आने के बाद अब इसकी धधक सिवान में भी अब उठ चुकी है. रघुनाथपुर के पूर्व विधायक विक्रम कुंवर ने सिवान में खरीदी गई एंबुलेंस में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया है.

एक एंबुलेंस पर 15 लाख रुपये का घोटाला

बताया जा रहा है कि सिवान जिले में एमएलए और एमएलसी फंड से करीब दस एंबुलेंस की कुछ दिनों पहले खरीदारी की गई है. कुछ एमएलसी टुन्ना जी पांडे के फंड से हैं तो कुछ पूर्व के विधायक रमेश सिंह कुशवाहा और व्यासदेव प्रसाद के फंड से लिए गए हैं. अब इस मामले में रघुनाथपुर के पूर्व विधायक विक्रम कुंवर ने कहा है कि एक एंबुलेंस की ऑन रोड कीमत सात लाख रुपये है जिसे 22 लाख बताया गया है. यानी एक एंबुलेंस पर 15 लाख रुपये की हेराफेरी की गई है.

नीतीश कुमार, गृह सचिव और डीएम को लिखा पत्र

पूर्व विधायक ने कहा कि सवाल यह है कि इस कोरोना महामारी में मरीजों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं थी वहां करोड़ों का घोटाला हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह सब देखकर सिवान के लोग भी कह रहे हैं कि मंगल पांडेय जी आपके जिले में सबकुछ अमंगल ही है. इस मामले में सीएम नीतीश कुमार, गृह सचिव और सिवान के जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय को उन्होंने पत्र भेजा है.

वहीं, शिकायत के बाद जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय ने एक्शन लेते हुए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है. बता दें कि कुछ दिनों पहले ही एबीपी ने यह बताया था कि सदर अस्पताल में इन एंबुलेंस को चलाने के लिए अस्पताल में चालक तक नहीं हैं. सिविल सर्जन यदुवंश शर्मा ने भी कहा था कि ड्राइवर की कमी होने के कारण है एंबुलेंस खड़ी हैं. हालांकि कभी-कभी किसी तरह इसका इस्तेमाल किया जाता है.

Input: abp news

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