पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कौन किस राजनीतिक दल में है हम यह नहीं देखते और किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करते। सभी लोगों की समान भाव से सेवा हमारा धर्म है। हम सहकारिता की इज्जत करते हैं। पहले पैक्स को कोई नहीं जानता था। हमलोगों ने धान खरीद की जिम्मेदारी पैक्स को दी। सभी पैक्स को 15-15 लाख कृषि यंत्र बैंक के लिए दे रहे हैं। 2917 पैक्स को जेएम पोर्टल से राशि दी जा चुकी है। इसमें 10 लाख केंद्र व 5 लाख राज्य सरकार दे रही है। पैक्स को सुविधा दी है आगे और भी देंगे। लोग बिहार की आलोचना करते रहते हैं, लेकिन जब काम करने का मौका मिला, तो सभी गांवों को पक्की सड़क से जोड़ दिया। सभी घरों में बिजली कनेक्शन मिल गया। इस साल ही सभी घरों में नल का जल पहुंच जाएगा। दिल्ली में बिजली के जर्जर तार हैं, लेकिन बिहार में जर्जर तार नहीं हैं। सात निश्चय कार्यक्रम के तहत काम हो रहे हैं।

सीएम ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम राज्य में शुरू किया गया है। 19 जनवरी 2020 को 5.18 करोड़ लोगों ने इसके समर्थन में 18 हजार किलोमीटर की मानव शृंखला बनायी। जल और पेड़ पौधे हरियाली बचेगी तभी तो जीवन बचेगा। आने वाली पीढ़ी का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा। हर माह के प्रथम मंगलवार को सभी स्कूलों, कॉलेजों और सभी सरकारी कार्यालयों में एक घंटा जल-जीवन-हरियाली पर चर्चा होगी। इस दौरान योजना की समीक्षा होगी। सहकारी संस्थाओं में भी चर्चा हो। इस पर सुझाव भी मिले। मानसून पहले 15 जून तक आता था, अब देर होने लगी। औसत वर्षापात 13 वर्षों में 1200-1500 मिलीमीटर से घटकर 901 एमएम हो गया है। भूजल स्तर नीचे जा रहा है। इसलिए मौसम के अनुसार खेती, ऊर्जा संरक्षण, पुआल को खेतों में जलाने से रोकने के लिए विभिन्न कृषि यंत्रों पर 75 से 80 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया। पैक्स भी कृषि यंत्र बैंक में हैपी सीडर, रोटरी मल्चर, स्ट्रां रीपन स्टां बेलर कृषि यंत्र जरूर रखें। इन कृषि यंत्रों से पुआल जलाने से रोकने में मदद मिलेगी।

बिहार में 2008 से कृषि रोड मैप की योजना क्रियान्वित की जा रही है। बिहार आज धान, गेहूं सहित सब्जी और अन्य खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया। मक्का तो दूसरे प्रदेशों में जा रहा है। हर टोले को सड़क से जोड़ा जा रहा है। हर घर तक गली, नाली सहित पक्कीकरण किया जा रहा है। खेती के लिए अगल कृषि फीडर लगाये जा रहे हैं। धान खरीद किसानों के साथ ही बटाईदार व खेती करने वालों से करने की व्यवस्था की गई।

हमारी सरकार के काम से लोगों को लाभ मिला है। काम और योजना का लाभ मिलने पर अपेक्षा और बढ़ती है। यह स्वाभाविक भी है। पैक्स में 1.24 करोड़ लोग जुड़े हैं। महिला किसानों की संख्या 2 लाख से बढ़ कर 36 लाख हो गई। सहकारी संस्थाओं में भी महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया। 5 प्रमंडलों और 17 जिलों में 22 हकार भवन के लिए 56.35 करोड़ आवंटित हो चुके हैं। जितने लोग सहकारिता से जुड़ेंगे, उतना ही इसका विस्तार होगा। हमारी इच्छा है कि अधिक से अधिक लोगों को सहकारिता से लाभ मिले। हमसे जो भी मदद होगा करेंगे।

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