हाईकोर्ट के आदेश पर जिले में लंबित मुकदमों की समीक्षा हुई है तो चौंकाने वाले आंकड़े व तथ्य सामने आये हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक जिले में 10 साल से पुराने करीब 35 हजार मुकदमे कोर्ट में लंबित हैं। इनमें 10 साल से अधिक समय से लंबित मामलों की संख्या 35 हजार है तो 30 साल से अधिक समय से लंबित मुकदमों की संख्या 795 है।

कोर्ट के दस्तावेज व रिकार्ड को ऑनलाईन किये जाने के बाद दिलचस्प तथ्य सामने आ रहे हैं। इस रिकार्ड के अनुसार जिले में वर्ष 1957 में किये गए एक सिविल सूट की पहली सुनवाई 2018 में हुई और यह मामला अब भी लंबित है। यह मुकदमा तारा प्रसाद सिंह व रामकली देवी के बीच दायर हुआ था, जिसमें दोनों पार्टियों की मौत हो चुकी है। इसकी हालिया सुनवाई 23 सितम्बर को की गई है।

nps-builders

वहीं दूसरा सबसे पुराना मुकदमा 1958 का है। यह 24 सितम्बर 1958 को सिविल कोर्ट में दायर किया गया था। धनराज नथानी बनाम रामदास साहू के इस मुकदमे में अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होनी है। इस मामले में भी वादी व प्रतिवादी दोनों अब इस दुनिया में नहीं हैं और उनके परिजन ही मुकदमे की पैरवी कर रहे हैं।

वहीं वर्ष 1961 के भी जिले में दो मुकदमे लंबित हैं। इनमें से एक मुकदमा सिविल सूट को लेकर है तो दूसरा एक फैसले के लागू करने को लेकर दर्ज कराया गया था। वर्ष 1961 में दर्ज विजय कुमार ओझा बनाम नागेश्वर ओझा के मुकदमे की पहली सुनवाई ही 17 नवम्बर 2018 को की गई। इस मामले की भी अगली सुनवाई अब 14 अक्टूबर को निर्धारित है। दिलचस्प बात है कि धनाराज नथानी बनाम रामदास साहू के बीच ही यह मुकदमा भी दर्ज हुआ, जिसमें पहली सुनवाई ही चार मई 2019 को हुई। इस मुकदमे की भी अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को निर्धारित है। ऐसे मुकदमों की ओर दोनों पक्षों की नजरें टिकी हुईं हैं। लोगों को उम्मीद है कि सुनवाई तेज हुई तो जल्द फैसले आएंगे।

अब हाईकोर्ट कर रहा पुराने मुकदमों की निगरानी

जिले में पुराने मुकदमों का रिकार्ड खंगाले जाने के बाद इनकी समीक्षा हुई है। हाईकोर्ट ने जिले से 15 सबसे पुराने मुकदमों की सूची मांग रखी है और प्रत्येक 15 दिनों पर उन मुकदमों के स्थिति की समीक्षा की जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिले में जब इन मुकदमों की सूची तैयार की गई है तो पता चला है कि जिले में कुल 1.83 लाख मुकदमे चल रहे हैं, जिनमें से 795 तीस साल पुराने, 5293 बीस साल पुराने, 30482 दस से 20 साल पुराने, 41 हजार मुकदमे पांच से दस साल पुराने विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। हाईकोर्ट को अब इनमें से सबसे पुराने टॉप 15 मुकदमों की पाक्षिक रिपोर्ट जा रही है।

Source : Hindustan

tanishq-muzaffarpur

Genius-Classes

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *