देश के दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ नौ बैंक संगठनों के महासंघ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस तथा छह शीर्ष संगठनों के समूह ज्वाइंट फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन्स ने 16-17 दिसंबर से दो दिनी हड़ताल का आह्वान किया है। इसके कारण तीसरे सप्ताह के अंत में 16 से 19 दिसंबर के बीच मात्र शनिवार 18 दिसंबर को ही बैंक खुलेंगे।

सरकार ने संसद के चालू शीत सत्र में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक लाने और उसे पारित कराने की तैयारी की है। संसद की कार्यसूची में यह शामिल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने फरवरी में पेश केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि दो सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाएगा। सरकार अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत यह निजीकरण करने जा रही है। केंद्र सरकार 2019 में आईडीबीआई बैंक का पहले ही निजीकरण कर चुकी है।

उसने इस बैंक में अपनी बहुमत की हिस्सेदारी एलआईसी को बेच दी है। बीते चार सालों में 14 सरकारी बैंकों का विलय भी किया जा चुका है।

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद कुमार ने बैंकिंग संस्थाओं के प्रति केंद्र के कर्मचारी विरोधी रवैया की आलोचना की और इसे जनविरोधी नीति बताया। वहीं, ज्वाइन्ट फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन्स के राष्ट्रीय संयोजक डीएन त्रिवेदी ने बताया कि केंद्र सरकार के बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक लाने का बैंक संगठनें ने संयुक्त रूप से विरोध करने का फैसला लिया है। यूएफबीयू और जेएफजीबीयू ने केन्द्र सरकार तथा आईबीए को 16 व 17 दिसंबर की हड़ताल का नोटिस दे दिया है।

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