पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने गुरुवार को कहा कि उनकी कंपनी ने कोविशील्ड वैक्सीन के प्रोडक्शन और डिस्ट्रिब्यूशन के लिए 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पूनावाला ने यह भी कहा कि सार्वजनिक जांच और जवाबदेही को संभालना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक था. पूनावाला ने यह भी कहा कि उनकी कंपनी एक और कोविड-19 वैक्सीन कोवोवैक्स तैयार कर रही है जिसे बच्चों के लिए कई कारणों से चुना गया था और इसे अगले साल फरवरी तक मंजूरी मिल सकती है.
सीएनबीसी टीवी-18 के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पूनावाला ने कहा, “हमने एस्ट्राजेनेका के साथ की गई साझेदारी पर दांव लगाया था. हमें बिल्कुल नहीं पता था कि कौन सा टीका काम करेगा. हमने अन्य निर्माताओं के साथ बड़े पैमाने पर मुद्दे देखे हैं.. एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड के साथ हमारा काम अच्छा रहा. हम कुछ कंपनियों से फिल एंड फिनिश के लिए बात कर रहे हैं. कई भागीदारों के साथ फिल-फिनिश किया जा सकता है. कोवोवैक्स को बायोकॉन या हमारी फैसिलिटी में भरा जा सकता है.”
केंद्र सरकार के ऑर्डर का इंतजार
पूनावाला ने कहा कि दुनिया भर में कोविड वैक्सीन के निर्यात के लिए उनकी फर्म केंद्र सरकार के ऑर्डर का इंतजार कर रही है. पूनावाला ने कहा “सरकार ने दिसंबर तक हर माह के लिए कोविशील्ड की 20 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है. अक्टूबर के अंत तक, हम कुछ निर्यात की फिर से शुरुआत कर सकते हैं. हम वर्तमान में स्टॉक्स को देखते हुए केंद्र सरकार के निर्देशों के इंतजार में हैं.”
कोवोवैक्स और वैक्सीन की उपलब्धता पर पूनावाला ने कहा कि, “हमने कोवोवैक्स के लिए डब्ल्यूएचओ के पास डाटा जमा किया है. हमने कई कारणों से बच्चों के लिए वैक्सीन के रूप में कोवोवैक्स को कई कारणों से चुना है. वैक्सीन के स्टॉक के मामले में अब चिंता की कोई बात नहीं है. हमारे पास अभी एक महीने का स्टॉक उपलब्ध है. फरवरी तक, हमें 2-3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोवोवैक्स की मंजूरी मिल जानी चाहिए. कैपेक्स से लेकर रिटेल तक का एक्सिक्यूशन सबसे कठिन हिस्सा था. हमने कोविशील्ड की 10,000 करोड़ से ज्यादा डोज का उत्पादन और वितरण किया है. हमें उन देशों को लगभग 200 मिलियन डॉलर वापस करने पड़े, जिन्हें हम निर्यात प्रतिबंधों के कारण आपूर्ति नहीं कर सके जिसके चलते कुछ फंड रिकॉर्ड से बाहर हो रहे हैं.”
हाल ही में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था कि भारत अगले महीने से वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत कोविड-19 वैक्सीन का निर्यात शुरू करेगा. लेकिन सरकार की पहली प्राथमिकता अपने नागरिकों का टीकाकरण करना है.
Source : News18
हेलो! मुजफ्फरपुर नाउ के साथ यूट्यूब पर जुड़े, कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा 😊 लिंक 👏