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पाकिस्तान: पेशावर की मस्जिद में विस्फोट, 30 की मौत और दर्जनों घायल

पाकिस्तान में एक मस्जिद में आत्मघाती हमला हुआ है. इसमें 30 लोगों के मारे जाने की खबर है. वहीं 50 लोग जख्मी बताए जा रहे हैं. जियो न्यूज के मुताबिक, यह धमाका पेशावर की मस्जिद में शुक्रवार की नमाज के दौरान हुआ है.
Terror strikes #Peshawar & Peshawaris yet again. Koocha Risaldar Adil Beg is a hub of Shia commemorations and residence for nearly 300 years. It has an imbargah, a mosque and scores of Shia households. Pak army must stop mollycoddling all types of Taliban https://t.co/pbunaNSI1M
— Mohammad Taqi (@mazdaki) March 4, 2022
BREAKING NEWS: At least 30 people were injured in Peshawar on Friday after an explosion in a mosque situated near the Qissa Khwani Bazaar area.
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— The Express Tribune (@etribune) March 4, 2022
जानकारी के मुताबिक, यह धमाका Kocha Risaldar इलाके की किस्सा ख्वानी बाजार में मौजूद मस्जिद में हुआ. धमाके की जानकारी के बाद वहां बचाव दल पहुंचा और घायल लोगों को लेडी रीडिंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. बचाव दल के साथ आसपास के लोगों ने भी घायलों की मदद की. घायल 50 लोगों में से 10 की हालत गंभीर बताई जा रही है.
फिलहाल पुलिस और सुरक्षा बल ने आसपास के इलाके को खाली करा लिया है. वहां छानबीन जारी है.
फिलहाल किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. जानकारी के मुताबिक, पेशावर की पुलिस ने बताया है कि इसमें दो हमलावर शामिल थे. पहले दोनों ने मस्जिद में घुसने की कोशिश की. फिर रोके जाने पर पुलिसवाले को गोली मार दी. धमाके से पहले हुई गोलीबारी में एक पुलिसवाले की मौत हुई वहीं अन्य जख्मी हैं.
पीएम इमरान का आया बयान
पेशावर की मस्जिद में हुए ब्लास्ट पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बयान भी आ गया है. उन्होंने इस हमले की निंदा की है. पेशावर के सीएम महमूद खान ने भी हमले की निंदा की. उन्होंने पेशावर के IGP से इसपर डिटेल रिपोर्ट मांगी है.
इससे पहले पाकिस्तान के क्वेटा में गुरुवार को धमाका हुआ था. इसमें पुलिस अधिकारी समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी वहीं 24 लोग घायल हुए थे. यह धमाका पुलिस वैन के पास हुआ था. बाद में मिली जानकारी के मुताबिक, धमाके में दो से ढाई किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था.
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सड़क पर मिले 38 लाख रुपये, गरीबी के बावजूद वापस लौटा दिए, इसी ईमानदारी ने ज़िन्दगी बदल दी

बढ़ती जरूरतों के इस दौर में लोगों के अंदर कम हो रही ईमानदारी के बीच एक अफ्रीकी देश का ये लड़का ईमानदारी की मिसाल बन चुका है. आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद इस लड़के ने सड़क किनारे मिले लगभग 38 लाख रुपये उसके मालिक को सौंप दिए. भले ही इस लड़के ने उन पैसों में से एक रुपया नहीं लिया लेकिन किस्मत ने उसे उसकी ईमानदारी का ऐसा इनाम दिया कि आज वह दुनिया भर की मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार 19 साल का इमैनुएल टुलो पश्चिमी अफ्रीकी देश लाइबेरिया का रहनेवाला है. मोटरबाइक टैक्सी ड्राइवर का काम करने वाले टुलो की कमाई इतनी कम है कि वह रोजाना होने वाले खर्चों तक को पूरा नहीं कर पाता. ऐसे में उसे एक दिन सड़क किनारे एक बैग के रूप में ऐसा खजाना मिला जिससे उसकी जिंदगी भर की तकलीफें दूर हो सकती थीं. दरअसल उसे सड़क किनारे एक बैग मिला जो लगभग 38 लाख रुपये के लाइबेरियन और अमेरिकी नोटों से भरा हुआ था.
वह चाहता तो इन पैसों से अपनी जिंदगी बदल सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया और वो पैसे अपनी चाची को देते हुए कहा कि सरकारी रेडियो पर अगर इन पैसों के लिए कोई अपील करता है, तो वो उसे दे देगा. उसकी इस ईमानदारी का लोगों ने खूब मजाक भी उड़ाया. कुछ ने तो उसे कहा कि वो गरीबी में ही मरेगा. लेकिन लोगों की बातों की परवाह न करते हुए टुलो अपनी सच्चाई और ईमानदारी पर कायम रहा. ये तो उसे भी नहीं पता था कि उसे उसकी ईमानदारी के लिए ऐसा इनाम मिलने वाला है जिससे वह पूरी दुनिया में चर्चित हो जाएगा.
राष्ट्रपति से मिला ईमानदारी का इनाम
टुले की इस ईमानदारी की खबर देश के राष्ट्रपति जॉर्ज विया तक पहुंच गई. जिसके बाद उन्होंने उसे 8 लाख रुपये का इनाम देने के साथ साथ देश के सबसे प्रतिष्ठित स्कूल में दाखिला भी दिलवाया. अब टुले अपने से 6 साल छोटे बच्चों के साथ पढ़ाई कर रहा है. इसके साथ ही इस ईमानदार लड़के को ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए एक अमेरिकी कॉलेज ने फुल स्कॉलरशिप का ऑफर दिया है.
इमैनुएल को राष्ट्रपति द्वारा मिले लगभग 8 लाख रुपए के साथ साथ एक लोकल मीडिया के मालिक की तरफ से वो कैश भी मिला जो व्यूअर्स और लिसनर्स ने उसके लिए भेजा था. इतना ही नहीं बल्कि इमैनुएल कोउस शख्स की तरफ से भी 1 लाख से ज्यादा रुपयों का इनाम मिला जिसके पैसे उसने लौटाए थे. वहीं अमेरिका के एक कॉलेज ने सेकेंडरी एजुकेशन समाप्त होने के बाद उसे फुल स्कॉलरशिप देने की पेशकश की है।
इमैनुएल उन बहुत से लाइबेरियन बच्चों में से एक है जिन्हें गरीबी के कारण स्कूल छोड़कर नौकरी करनी पड़ती है. इमैनुएल ने भी 9 साल की उम्र में अपने पिता की मौत के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. उसके बाद वह अपनी चाची के साथ रहता था. परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने मोटरबाइक टैक्सी चलाने का काम शुरू किया था. “अब अपनी ईमानदारी के कारण इमैनुएल फिर से पढ़ाई कर पा रहा है. उसे सेकंडरी स्कूल की पढ़ाई को पूरा करने में 6 साल लगेंगे. और 25 साल की उम्र में वो ग्रेजुएट हो जाएगा. इमैनुएल यूनिवर्सिटी में अकाउंटिंग की पढ़ाई करना चाहता है. जिससे कि वह देश की अर्थव्यवस्था को संभालने में योगदान दे सके. ”
Source: India Times
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कुत्ते कब इंसान के साथी बने थे, हिमयुग के DNA ने दिया जवाब

वैसे तो घोड़े, बिल्ली और अन्य जानवर भी इंसान के पालतू जानवरों की श्रेणी मे आते हैं. लेकिन कुत्तों की बात ही अलग है. लेकिन कुत्ते हमेशा ही इंसान के दोस्त नहीं थे. जानवरों का इतिहास बताता है कि जंगली भेड़ियों से अलग होने के बाद ही कुत्तों का घरेलूकरण होना शुरू हो गया था, लेकिन यह कब और कैसे हुआ यह अभी तक रहस्य ही बना हुआ था. जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए नए अध्ययन में हिमयुग से बर्फ में दबे जंगली भेड़ियों के अवशेष और उनके DNA से पता चला है कि कैसे जंगली भेड़िए इंसानों के दोस्त होते चले गए.
पुरातन भेड़ियों के जीनोम सीक्वेंसिंग
यूके के फ्रांसिस कर्क इंस्टीट्यूट के अनुवाशिकविद एंडर्स् बर्गस्ट्रॉम ने बताया कि वैज्ञानिकों ने इस प्रोजेक्ट के जरिए पुरातन भेड़ियों के जीनोम की सीक्वेंसिंग की संख्या में भारी मात्रा में इजाफा किया जिससे शोधकर्ताओं को भेड़ियों के वंश के इतिहास की विस्तार से जानकारी मिल सकी और वे कुत्ते के उदय के समय का पता लगा सके.
भेड़ियों के वंश इतिहास में कुत्ते
बर्गस्ट्रॉम ने बताया कि वंश के इतिहास की इस तस्वीर में कुत्तों को सही जगह पर रखने के प्रयास में शोधकर्ताओं ने पाया कि कुत्ते अपना वंशइतिहास कम से कम दो अलग भेड़ियों की जनसंख्या से लेकर कर आए हैं. इनमें से एक पूर्वी स्रोत है जिसका सभी कुत्तो में योगदान है और एक अलग पश्चिमी स्रोत है जिसका कुछ कुत्तों में योगदान है.
धुंधला कालक्रम
आज के, छोटे चिहुआहुआ से लेकर ताकतवर मास्टिफ, सभी पालतू कुत्ते एक ही प्रजाति के हैं, वह है कैनिस फैमिलियारिस है. वहीं भेड़ियों के सभी वंशज आज के भूरे भेड़ियों (कैनिस लूपस) के साझेदार हैं. लेकिन इनका कालक्रम बहुत ही धुंधला और विवादित रहा है. कई वैज्ञानिकों ने सुझाया है कि यह प्रक्रिया एक लाख साल से भी ज्यादा पहले के समय से शुरू हुई थी. लेकिन इस पर भी विवाद है.
कब हुई शुरुआत
हालिया अध्ययन में बर्गस्ट्रॉम और उनका साथियों ने 100 से 32000 साल के बीच के कुत्तों का डीएनए को शामिल किया और पाया कि कुत्ते 11 हजार साल पहले अलग हुए थे और उनके अलग होने की प्रक्रिया इससे पहले ही शुरू हुई होगी. माना जाता रहा कि कुत्तों का घरेलूकरण यानि भेड़ियों से अलग होने की प्रक्रिया करीब 40 से 20 हजार साल पहले शुरू हुई होगी और यह भी कि ऐसा दुनिया के अलग अलग हिस्सों में हुआ होगा.
जीनोम की तुलना
यह शोध 72 पुरातन भेड़ियों के जीनोम पर आधारित है, जिसमें से 66 को हाल ही में विश्लेषण के लिए स्कैन किया गया था करीब एकलाख साल पुराने हैं. इसमें यूरोप, साइबेरिया और उत्तर अमेरिका के भेड़ियों की करीब 30 हजार पीढ़ियों को शामिल किया है. इनकी तुलना आधुनिक भेड़ियों, पुरातन और आधुनिक कुत्तों और कोयोट्स जैसे अन्य कैनिड प्रजातियों के 68 जीनोम से तुलना की.
साइबेरिया के अवशेष
इन नमूनों में कुछ साइबेरिया के स्थायी तुषार में 18 हाजर साल से दबे डोगोर कब और 32 हजार साल से दबे भेड़िया का सिर भी शामिल था. जीनोम ने खुलासा किया कि आधुनिक और पुरातन दोनों ही कुत्ते, यरोप की तुलना में एशिया में रहने वाले पुरातन भेड़ियों के ज्यादा नजदीकी संबंधी थे. इससे पता चला कि घरेलूकरण और विविधिकरण पश्चिम की जगह पूर्व में शुरू हुआ होगा.
नेचर में प्रकाशित इस अध्ययन से शोधकर्ता पुरातन भेड़ियों के बारे में और जानकारी भी हासिल कर सके. उन्हें यह भी पता लगा कि बहुत से म्यूटेशन और उससे संबंधित बदलाव सभी भेड़ियों और फिर कुत्तों में भी देखने को मिले. अब शोधकर्ता यह जानने का प्रयास कर रहे हैं वास्तव में कुत्ते भेड़ियों कि किस प्रजाति से अलग होना शुरू हुए थे.
Source : News18
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वीडियो : हवा में उड़ता शॉपिंग मॉल, होटल और स्विमिंग पूल!

आपने आसमान में उड़ते हुए हवाई जहाज जरूर देखे होंगे, लेकिन क्या आपने कभी ‘उड़ता होटल’ देखा है. जाहिर तौर पर आपका जवाब नहीं में होगा. लेकिन जिस हिसाब से विज्ञान तरक्की कर रहा है, अब वो वक्त ज्यादा दूर नहीं है, जब हम ‘उड़ने वाला होटल’ भी देख सकेंगे. एक वीडियो में इसकी झलक देखने को मिली है.
दरअसल, हाशेम अल-घैली नाम के यूट्यूब चैनल ने उड़ने वाले होटल का कॉन्सेप्ट वीडियो जारी कर लोगों को चौंका दिया है. वीडियो के मुताबिक, वह समय भी आएगा जब Nuclear-Powered Sky Hotel में लोग मौज-मस्ती कर सकेंगे.
लग्जरी सुविधाओं से लैस होगा!
कॉन्सेप्ट वीडियो के मुताबिक, उड़ने वाला होटल एक तरह का हवाई जहाज होगा, जो कभी जमीन पर लैंड नहीं करेगा. इसमें 5,000 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी. उड़ने वाला होटल तमाम तरह की लग्जरी सुविधाओं से लैस होगा.
वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे इस उड़ने वाले होटल में रेस्तरां, एक विशाल शॉपिंग मॉल के साथ-साथ जिम, थिएटर और यहां तक कि एक स्विमिंग पूल भी होगा.
VIDEO
वीडियो में बताया गया है कि ये Flying Hotel आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाला स्काई क्रूज होगा, जिसमें 20 इंजन होंगे. सभी इंजन न्यूक्लियर फ्यूजन की मदद से संचालित होंगे. प्लेन को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया होगा कि ये कभी जमीन पर नहीं उतरेगा.
आम एयरलाइन कंपनियों के हवाई जहाज पैसेंजर्स को इस Flying Hotel तक लेकर लाएंगे और हवा में ही इसमें एंटर करेंगे. इस प्लेन के मेंटेनेंस का काम भी हवा में ही होगा. यूट्यूबर का दावा है कि परमाणु ऊर्जा से चलने वाला ये ‘स्काई क्रूज’ भविष्य हो सकता है.
‘डेली स्टार’ रिपोर्ट के मुताबिक, भले ही ये प्रोजेक्ट काफी बड़ा और अनोखा है लेकिन कुछ लोग इसकी आलोचना भी कर रहे हैं. उनका कहना है कि ‘उड़ने वाला होटल’ न्यूक्लियर पावर से चलेगा, ऐसे में अगर कभी ये क्रैश हुआ तो तबाही मच सकती है.
पूरा का पूरा शहर बर्बाद हो सकता है. वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि जब भी ऐसा कुछ तैयार होगा, इसमें सफर करना बेहद महंगा होगा.
Source : Aaj Tak
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