पटना सिटी के तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब में भेंट किए गए लगभग 5 करोड़ रुपए के बेशकीमती हीरे जेवरात और सोने से बने सामान नकली निकले हैं. इस चढ़ावे के नकली होने के मामले में तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पंच प्यारों ने मैराथन बैठक कर मामले में निवर्तमान जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन को तनखइया घोषित कर दिया है, वही पंच प्यारों ने दानकर्ता पंजाब के करतारपुर निवासी डॉ गुरविंदर सिंह सामरा को मना किए जाने के बाद भी मीडिया में बयान देने, और तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब की गरिमा को ठेस पहुंचाने पर कड़ी कार्रवाई की है.

उनको एक अखंड पाठ, 1100 का कड़ाह प्रसाद और 3 दिनों तक बर्तन और जूता घर में सेवा करने का हुक्म जारी किया गया है. रविवार को अपना पक्ष रखने के लिए निवर्तमान जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन और दानकर्ता पंजाब के करतारपुर निवासी डॉक्टर गुरविंदर सिंह सामरा के बड़े पुत्र हरमनदीप सिंह सामरा ने तख्त श्री हरमंदिर जी पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. डॉक्टर सामरा अस्वस्थ होने के कारण तख्त श्री हरिमंदिर नहीं पहुंच सके. पंच प्यारों ने दानकर्ता और जत्थेदार से मिले साक्ष्यों को लेकर लगभग 8 से 9 घंटे तक मैराथन बैठक कर देर रात तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के दरबार में सिख संगतो के साथ बैठक कर अपना फैसला सुनाया.

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दरअसल 1 जनवरी 2022 को डॉ सामरा ने लगभग 5 करोड़ मूल्य के हीरे जेवरात से बने सोने की हार, सोने की कृपान और सोने से बनी छोटी पलंग, और कलगी भेंट की थी. बाद के दिनों में सिख संगतो के शक होने और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विरोधी गुट द्वारा इस मामले में सवाल उठाए जाने पर तख्त श्री हरमंदिर प्रबंधक कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय अवतार सिंह हित के निर्देश पर इन सामानों की जांच कराई गई, और जांच में यह पाया गया कि जिस मात्रा में सोने की शुद्धता की बात कही गई है, वास्तव में वह काफी कम है.

मामला प्रकाश में आने के बाद डॉक्टर सामरा ने जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन की देखरेख में इन सामानों के निर्माण की बात किए जाने का आरोप लगा दिया. डॉ सामरा के आरोप के बाद जत्थेदार ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी. बाद में तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय अवतार सिंह हित में मामले की जांच को लेकर 5 सदस्य कमेटी गठित कर दी, जिसके आलोक में एक पखवारा पूर्व नई दिल्ली में जत्थेदार और डॉक्टर सामरा उपस्थित हुए थे. इधर तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पंच प्यारों ने दोनों को 10 सितंबर को उपस्थित होने का हुक्मनामा जारी किया था, जिसके आलोक में दोनों की उपस्थिति हुई, हालांकि डॉक्टर सामरा के अस्वस्थ होने के कारण उनके बड़े बेटे उपस्थित हुए.

इस मौके पर पंच प्यारो ने बताया कि तख्त श्री हरमंदिर के निवर्तमान जत्थेदार ने प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों पर पंच प्यारों को यहां से हटाकर दूसरी जगह भेजने का भी दबाव बनाया था. दान प्रकरण का विवाद चर्चा में आने के बाद गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष स्वर्गीय अवतार सिंह हित में ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन को दोषमुक्त होने तक उनकी पदवी और सुविधा वापस ले ली थी.

Source : News18

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