बिहार के भागलपुर जिले के नवगछिया आरपीएफ इंस्पेक्टर मृणाल कुमार की अगुवाई में आरपीएफ की टीम ने शुक्रवार की रात बड़ी कार्रवाई कर 19305 अप आम्‍बेडकर नगर कामाख्या एक्‍सप्रेस ट्रेन में छापेमारी कर 935 कछुए बरामद किए। इसके साथ ही आरपीएफ ने पांच महिला समेत आठ तस्‍करों को गिरफ्तार किया है।

इसमें से एक तस्‍कर बिहार के पूर्णिया का रहने वाला है। शेष उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं। गिरफ्तार लोगों में गोनर कुमार (20) डुमरिया मीरगंज पूर्णिया, अमर कुमार (25) पकड़ी दयाल सुल्तानपुर यूपी, शिवा कुमार (19), लिजा (25) पकड़ी दयाल सुल्तानपुर, शांति (19) पकड़ी दयाल सुल्तानपुर, कुसुमा (20) और लचछो (35), शिवा (19) पकड़ी दयाल उत्‍तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं।

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आरपीएफ इंस्‍पेक्‍टर ने बताया कि कंट्रोल रूम से उनलोगों को सूचना मिली की ट्रेन से कछुए की स्मगलिंग की जा रही है। इसके बाद वे लोग अलर्ट मोड में आ गए। रात 11 बजकर 23 मिनट पर आम्बेडकर नगर एक्‍सप्रेस ट्रेन नवगछिया स्‍टेशन पहुंची। ट्रेन के पहुंचते ही सात जवानों की टीम के साथ आरपीएफ इंस्‍पेक्‍टर ने छापेमारी की। एक-एक कर सभी बोगियों में तलाशी शुरू की गई।

स्‍लीपर से लेकर जनरल बोगी में रखे गए थे

तस्‍करों ने बोरी में कछुए को अलग-अलग बोगी में छुपाकर रखा था। आरपीएफ ने एस-4, एस-5, एस-7, एस-9 से पहले कछुए को जब्‍त किया। इसके बाद पीछे की जनरल बोगी से दो बोरी में भरे कछुए जब्‍त किए गये। इस दौरान नवगछिया स्‍टेशन पर करीब 16 मिनट तक ट्रेन रुकी रही।

बंगाल के रास्‍ते विदेश भेजने की थी तैयारी

पूछताछ के दौरान कछुआ तस्करी के एक बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा हुआ। तस्करों ने बताया कि इन कछुओं को बंगाल के रास्‍ते विदेश भेजने की तैयारी थी। वन विभाग ने जब्‍त कछुओं की अनुमानित कीमत करीब 16 लाख रुपये बताई है। आरपीएफ इंस्‍पेक्‍टर मृणाल कुमार और वन विभाग के रेंजर बीके स‍िंह ने प्रेसवार्ता आयोजित कर इसकी जानकारी दी।

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भागलपुर के सुंदरवन में है कछुआ पुर्नवास केंद्र

वन के क्षेत्र पदाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि भागलपुर के सुंदरवन में कछुआ पुनर्वास केंद्र है। यहां पर घायल कछुओं का इलाज भी किया जाता है। सभी बरामद कछुओं को भागलपुर स्थित सुंदरवन में रखा जाएगा। जिन्हें बाद में गंगा नदी में छोड़ दिया जाएगा। इसके साथ ही गिरफ्तार तस्करों के विरुद्ध भारतीय वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कछुओं की काफी मांग है। जिससे कई तरह की कीमती दवा बनायी जाती है। जहां एक कछुआ की कीमत लगभग एक हजार के आसपास तक होती है।

Source : Hindustan

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