पूर्वी दिल्ली के चांदबाग में सोमवार दोपहर हिं’सक प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल के साथ पहुंचे शाहदरा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अमित शर्मा गंभीर रूप से ज’ख्मी हो गए। वहीं, अपना फर्ज निभाते हुए उन्हें बचाने के प्रयास में ही गोकलपुर के एसीपी के रीडर रतन लाल श’हीद हो गए। बताया जा रहा है कि बु’खार होने के बावजूद वह ड्यूटी कर रहे थे।

Delhi violence: कॉन्स्टेबल रतनलाल बुखार में भी कर रहे थे ड्यूटी, अफसर को बचाने में गई जान

घटनाक्रम के मुताबिक, अमित शर्मा प्रदर्शनकारियों के बीच घिर गए। उन पर लाठी-डंडों से हमला होने लगा। इस यह देख मौके पर मौजूद रतन लाल बचाने के लिए पहुंचे। इसी दौरान उनके सिर पर एक बड़ा पत्थर आकर लगा। इसके बाद उपद्रवियों ने उनकी पिटाई भी कर दी। इस दौरान कई अन्य पुलिसकर्मियों पर भी हमला हुआ। बाद में पहुंचे अतिरिक्त बल ने सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया। जहां रतन लाल को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं अमित शर्मा व तीन सब इंस्पेक्टरों को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अमित शर्मा के सिर में गंभीर चोटें आई हैं। इसके साथ उनके हाथ में फ्रैक्चर भी है। उन्हें न्यूरो विभाग के आइसीयू भर्ती किया गया है। वहीं तीन सब इंस्पेक्टरों की हालत भी गंभीर बताई जा रहा है। इसके अलावा दस से अधिक पुलिसकर्मी जीटीबी अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रतन लाल के शव को पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी अस्पताल में मोर्चरी में रखा गया है। मूलरूप से सीकर, राजस्थान के रहने वाले रतन लाल 1998 में दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे। उनकी पत्नी और दो बच्चे बुराड़ी में रहते हैं।

पत्नी पूनम को मीडिया के जरिये मिली पति के शाहिद होने के जानकारी

हिंसक प्रदर्शन के दौरान शहीद हुए दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल को गोली लगने की खबर उनकी पत्नी पूनम को मीडिया के जरिये मिली थी। उन्हें जैसे ही पता चला कि उनकी मांग का सिंदूर उजड़ गया है, वह गश खाकर बेहोश हो गईं। जबकि स्वजन रतन लाल के घायल होने और उपचार चलने की झूठी तसल्ली देकर ढाढ़स बांधने की कोशिश कर रहे थे। मूलरूप से राजस्थान के सीकर जिले के थापली गांव के रहने वाले रतन लाल बुराड़ी के अमृत विहार कॉलोनी में परिवार सहित रहते थे। उनके परिवार में पत्नी पूनम, दो बेटी और एक नौ साल का बेटा है। तीनों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। जब घटना की जानकारी मिली तो रतन लाल के पैतृक गांव में उनके परिवार के बाकी सदस्यों में भी कोहराम मच गया। किसी तरह सब लोग उनके घर पहुंचे और पूनम व बच्चों को हौसला बनाए रखने के लिए समझाने लगे। रिश्तेदारों ने बताया कि उन्हें तो सिर्फ इतना ही पता चला था कि रतन को गोली लगी है। वहीं घटना के बाद दिल्ली पुलिस के कई जवान भी रतन लाल के घर पहुंचे।

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