तोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद इतिहास रच दिया। जहां एक तरफ देश भर में खुशियों की लहर है। वहीं, बिहार के सिवान जिले के रघुनाथपुर के छोटे से गांव कन्हौली में होली और दिवाली एक साथ मनाई गई। कहीं पटाखे फोड़े गए तो कहीं लोगों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर बधाइयां दी।
भला ऐसा हो भी क्यों न। किसने सोचा था कि इस गांव का लाल एक दिन ओलंपिक में इतिहास रचने वाली टीम का हिस्सा होगा। जी हां। हम बात कर रहे हैं, भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी विवेक सागर की। कन्हौली विवेक का पैतृक गांव है। गुरुवार को हॉकी टीम के जीतने के बाद से ही इस गांव में अद्भुत दृश्य देखने को मिला। बच्चे हाथों में तिरंगा लिए भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। वहीं इलाके के प्रबुद्ध लोगों का जमावड़ा विवेक के घर पर लगा रहा।
मिठाइयां बांट कर ग्रामीणों ने एक-दूसरे को जीत की बधाई दी। विवेक सागर के चाचा शिवनारायण प्रसाद और चाची मुन्नी देवी की आंखों में खानदान के नाम को रोशन होने की खुशियां साफ झलक रही थी। चाचा शिवनारायण प्रसाद ने कहा कि विवेक ने देश को सम्मान दिलाने का काम किया है। हमलोगों को उस पर नाज है।
शिवनारायण प्रसाद ने कहा कि जल्द ही रोहित (विवेक के पिता) के गांव आने का कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। ग्रामीणों ने विवेक के पिता रोहित प्रसाद से फोन पर बात कर उन्हें भी बधाई दी। सिवान की सांसद कविता सिंह, गोरेयाकोठी के विधायक देवेशकांत सिंह, जदयू नेता अजय सिंह, राजद विधायक हरिशंकर यादव ने भी बधाई दी।