स्वर कोकिला लता मंगेशकर आज इस दुनिया को छोड़कर चली गईं. उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां वह पिछले करीब 1 महीने से भर्ती थीं. ‘लता दीदी’ से मशहूर लता मंगेशकर क्रिकेट की बड़ी फैन थीं. अकसर उनके सोशल मीडिया अकाउंट से क्रिकेट को लेकर या किसी मैच पर ट्वीट होते रहते थे. करीब 39 साल पहले जब भारतीय क्रिकेट टीम पहली बार 1983 में वर्ल्ड कप जीतकर स्वदेश लौटी तो बीसीसीआई के पास खिलाड़ियों को देने के लिए पैसे तक नहीं थे, ऐसे में लता मंगेशकर ने उनकी मदद की.

लता मंगेशकर ने रविवार को 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. जब वह मुंबई के अस्पताल में थीं तो उन्हें कई बार जनरल वार्ड और आईसीयू में रखा गया. हाल में उन्हें आईसीयू से शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन शनिवार शाम से ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया. कोरोना से संक्रमित और निमोनिया होने पर 8 जनवरी को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

क्रिकेट फैन लता मंगेशकर ने 1983 में बीसीसीआई की मदद की थी. आज दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई के पास कभी इतने पैसे नहीं थे. जब भारतीय टीम 1983 में वर्ल्ड चैंपियन बनी, तो BCCI के पास खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ तक को देने के लिए पैसे नहीं थे. बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष एनकेपी साल्वे खिलाड़ियों को इनाम देना चाहते थे लेकिन पैसे की कमी के चलते वह भी मजबूर थे.

साल्वे ने इस मुश्किल हालात से निकलने के लिए लता मंगेशकर से मदद मांगी. लता दीदी ने भी हामी भर दी. फिर भारतीय टीम की जीत का जश्न मनाने के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में लंता मंगेशकर का कन्सर्ट आयोजित किया गया. यह कन्सर्ट सुपरहिट साबित हुआ. तब इससे 20 लाख रुपए की कमाई हुई. 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के सभी सदस्यों को इनाम के तौर पर 1-1 लाख रुपये दिए गए.

लता मंगेशकर ने इस कन्सर्ट के लिए बीसीसीआई से कोई फीस नहीं ली थी. बीसीसीआई और तत्कालीन खिलाड़ियों ने लता मंगेशकर के इस योगदान को हमेशा याद रखा. बीसीसीआई ने तो यह प्रस्ताव किया कि लता जब तक जीवित रहेंगी, भारत के प्रत्येक स्टेडियम में मैच देखने के लिए उनके लिए एक सीट रिजर्व रहेगी.

दिल्ली में इस कन्सर्ट में लता मंगेशकर ने कई गाने गाए और दर्शकों को अपनी आवाज और अंदाज से भावविभोर कर दिया. उनके ‘भारत विश्व विजेता’ गाने को खूब सराहा गया जिसका संगीत हृदयनाथ मंगेशकर ने दिया था. जब लता दीदी मंच पर यह गाना गा रही थीं, तब भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी उनके सुर में सुर मिला रहे थे. कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 1983 में पहली बार वनडे वर्ल्ड कप जीता था.

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