युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों को निकालने का सिलसिला जोरों पर है। रोजाना सैकड़ों भारतीय यहां से वापस भारत लाए जा रहे हैं। इस बीच ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां कुछ लोग अपने पालतू जानवरों के बिना यूक्रेन छोड़ने को तैयार नहीं हैं। इन्हीं में से एक हैं भारतीय डॉक्टर गिरिकुमार पाटिल। वह अपने पालतू पैंथर और जगुआर के बिना यूक्रेन छोड़ने के लिए राजी नहीं हैं। जानवरों से प्रेम के लिए गिरिकुमार को यहां जगुआर कुमार के नाम से भी जाना जाता है। उनके पास एक जगुआर और एक पैंथर है।

पाटिल का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया था, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मेरा इलाका रूसी सैनिकों से घिरा हुआ है और में हरसंभव कोशिश कर रहा हूं। मैं इन्हें अपने बच्चों की तरह प्यार करता हूं।

यूक्रेन से भारत आने वाले छात्रों के साथ पालतू कुत्ते और बिल्लियां भी आ रही हैं। भारतीय नागरिकों के साथ-साथ इन विदेशी जानवरों को भी देश में लाने के लिए सरकार ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कुत्ते, बिल्ली को लेकर मालिकाना हक साबित करना होगा। साथ ही इनके सभी तरह के टीकाकरण और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां भी प्रमाणित करने बाद ही दूसरे देश में जाने की इजाजत दी जा सकती है।

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