भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में बन रहा पुल शुक्रवार की रात आंधी को नहीं झेल पाया. तेज हवा के चलते निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया. पुल का निर्माण 2015 में शुरू किया गया था. पुल की लागत 1711 करोड़ रुपए बताई जा रही है. उधर, घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे सुल्तानगंज के जदयू विधायक ललित नारायण मंडल ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस संबंध में जानकारी दी है. जल्द ही जांच शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि लगता है कि निर्माण के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था.

सिंगला कंपनी कर रही है पुल का निर्माण

जानकारी के मुताबिक, सुल्तानगंज में बन रहे इस फोरलेन पुल का निर्माण 2015 के फरवरी में शुरू किया गया था. 1711 करोड़ रुपए से बन रहे इस पुल का टेंडर एसपी सिंगला कंपनी को मिला है. निर्माणकार्य पूरा होने के बाद पुल बरौनी खगड़िया एनएच 31 और दक्षिण बिहार के मोकामा, लखीसराय, भागलपुर, मिर्जाचौकी एनएच 80 को जोड़ेगा.

2019 में पूरा होना था पुल का निर्माण

पुल के निर्माण से विक्रमशिला और मुंगेर ब्रिज पर गाड़ियों का दबाव कम होगा. पुल की कुल लंबाई 23 किलोमीटर होगी जिसमें नदी पर पुल की लंबाई 3.16 किलोमीटर है. सुल्तानगंज में पुल की लंबाई 4 किलोमीटर, जबकि खगड़िया जिले में 16 किलोमीटर है. पुल में कुल 31 पिलर हैं. पुल का निर्माण 2019 तक होना था, लेकिन करोना, बाढ़ और भूमि अधिग्रहण के पेंच के कारण अब इसकी डेडलाइन 2022 तय की गई है.

बता दें कि सुल्तानगंज में बन रहे इस पुल के बीच में डॉल्फिन देखने के लिए इन हैंगिंग डॉल्फिन ऑब्जर्वेटरी बनाया जा रहा है. पुल के बीच में गाड़ियों का पार्किंग एरिया भी होगा. दर्शक सीढ़ियों से नीचे उतर कर एक बड़े प्लेटफार्म से डॉल्फिन देख सकेंगे. सुल्तानगंज भागलपुर कहलगांव का यह इलाका डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र घोषित किया गया है, लेकिन ध्वस्त हुए पुल की गुणवत्ता से बिहार सरकार और पुल निर्माण एजेंसी पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है.

Source : Aaj Tak

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