चुनावी वर्ष में पर्यटकों काे आकर्षित करने की योजना बनायी गई है। ढाई हजार वर्ष पूर्व वैशाली गणराज्य ने अभिषेक पुष्करणी सरोवर बनवाया था। सालभर पानी से लबालब रहने वाला यह सरोवर गर्मी में पूरी तरह सूख जाता है। लेकिन, अब जलापूर्ति के लिए 8.94 कराेड़ की राशि से योजना बनायी जाएगी। इस योजना के पूर्ण हाेने पर सरोवर में पूरे साल पानी रहेगा। विश्व शांति स्तूप के पास पर्यटक जब आते हैं ताे उन्हें पुष्करणी का इतिहास बताया जाता है। कई वर्षों से तिरहुत नहर से इसमें पानी आता था। लेकिन नहर में पर्याप्त पानी नहीं होने के कारण अभिषेक पुष्करणी सूखते चला गया। सरोवर से 4 किलोमीटर दूर मनिकपुर से गुजर रही तिरहुत नहर बरसात के दिनों में ओवरफ्लो हो जाती थी, जिससे यह सरोवर कभी नहीं सूखता था।

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बजट में प्रावधान हाेने से अब फिर से उम्मीद की अास जग गई है। जल संसाधन विभाग को प्रोजेक्ट बनाने का निर्देश दिया गया है। अभिषेक पुष्करणी के बारे में कहा जाता है कि प्राचीन लिच्छवी गणराज्य में जब भी कोई नया शासक निर्वाचित होता था तो उनका इसी सरोवर के जल से अभिषेक कराया जाता था। इस सरोवर के पवित्र जल से शुद्ध होकर लिच्छवियों के शासक गणतांत्रिक सभागार में बैठते थे। 550 मीटर लंबा और 300 मीटर चौड़ा है अभिषेक पुष्करणी सरोवर 25 सौ वर्ष पुराना है। फिलहाल दुर्दशा है कि अभिषेक पुष्करणी सरोवर में जनवरी-फरवरी महीने में भी लिच्छवियों के लिए इस सरोवर में एक बूंद पानी नहीं बचा है। सरोवर में धूल उड़ रही है। जानवरों का यह चारागाह बना हुआ है। दैनिक भास्कर ने पिछले दिनाें इसकी दुर्दशा काे प्रकाशित कर शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। इसके बाद वैशाली विकास मंच के कुछ युवा तुर्क मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दरबार तक पहुंचे। मुजफ्फरपुर के सरैया प्रखंड के चक इब्राहिम गांव के इन युवाओं ने सरोवर को अपने पुराने स्वरूप में लाने की मांग की। मुख्यमंत्री के संवाद कार्यक्रम में युवक जयप्रकाश कुमार ने अभिषेक पुष्करणी सरोवर के जीर्णोद्धार के लिए आवेदन दिया।

इनपुट : दैनिक भास्कर 

 

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