दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में इन दिनों लोगों की ऑनलाइन पेमेंट और व्यवसाय से जुड़ी दिक्कतें दूर हो रही हैं. पूरे अफ्रीकी प्रायद्वीप में डिजिटल पेमेंट बेहद सरल हो चुकी है. इसके पीछे जो संस्थान काम कर रहा है उसका नाम है पीच पेमेंट. जो अब डिजिटिल पेमेंट के मामले में दक्षिण अफ्रीका से बाहर भी पैर पसार रहा है. खास बात यह है कि इस पीच पेमेंट के विचार के पीछे दिल्ली के एक व्यवसायी परिवार के सदस्य राहुल जैन हैं.

राहुल जैन जिसने दक्षिण अफ्रीका में बदल दिया पेमेंट का तरीका (TOI)

टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राहुल जैन ने सेंट कोलंबिया स्कूल से अपना एमबीए किया और इसी दौरान वह जब इंटर्नशिप के लिए दक्षिण अफ्रीका गए, वहां उन्हें जर्मन साथी एंड्रियास डेमलिटनर मिले. दोनों अपनी डिग्री लेने के बाद भी एक दूसरे के संपर्क में रहे. जब राहुल जैन बोस्टन में थे तभी नवंबर 2011 में एंड्रियास ने उन्हें बुलाया और अफ्रीका में डिजिटल पेमेंट व्यवसाय में जुड़ने का प्रस्ताव दिया. इस तरह पीच पेमेंट का सफर शुरू हुआ.

व्यावसायिक परिवार से हैं राहुल

दरअसल, व्यवसाय राहुल के खून में है, उनके पिता और माता के परिवार की पीढ़ियां शुरू से ही व्यवसाय से जुड़ी रही हैं और वह शुरू से ही खुद का कुछ करना चाहते थे. इसलिए जैसे ही उन्हें पीच पेमेंट का प्रस्ताव मिला उन्होंनें इसे तुरंत स्वीकार कर लिया.
आज पीच पेमेंट्स पूरे अफ्रीका में व्यापार को बढ़ाने के मामले में एक ठोस आधार बन कर उभरा है, जो वेबसाइट, ऐप, फोन, ईमेल और एसएमएस के साथ-साथ दूसरे डिजिटल चैनलों के जरिये किसी उत्पाद या सर्विस उपलब्ध कराने वाले किसी भी व्यापार को ऑनलाइन भुगतान की सुविधा प्रदान करवाता है.

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कोविड के दौर ने बदल दिया बिजनेस

टुडे पीच पेमेंट्स – जो वेबसाइटों, ऐप, फोन, ईमेल और एसएमएस सहित डिजिटल चैनल के माध्यम से उत्पाद या सेवा बेचने वाले किसी भी उद्यम को ऑनलाइन भुगतान समाधान प्रदान करता है – ने पूरे अफ्रीका में व्यापार स्केलिंग के साथ एक ठोस आधार बनाया है. जैन कहते हैं, “हम वर्तमान में दक्षिण अफ्रीका, केन्या और मॉरीशस में सक्रिय हैं और इस साल के अंत तक अफ्रीका के दो और देशों में विस्तार करेंगे. हम अफ्रीका के अग्रणी भुगतान मंच का निर्माण करने जा रहे हैं.” महामारी ने डिजिटल कॉमर्स के प्रति उपभोक्ता व्यवहार में एक मौलिक बदलाव देखा है और यह व्यवसाय के लिए बेहद फायदेमंद रहा है. फिलहाल दक्षिण अफ्रीका, केन्या और मॉरीशस में सक्रिय पीच पेमेंट दो और देशों में अपनी सेवाएं देने जा रहा है. जैन का कहना है कि महामारी के चलते लोगों का भुगतान का तरीका बदला है और इसने लोगों को डिजिटल पेमेंट की और आकर्षित किया है, जिससे इससे जुड़े व्यवसाय को काफी फायदा पहुंचा है.

जैन बताते हैं, “जो लोग पहले ऑनलाइन खरीददारी से हिचकते थे, वो भी लॉकडाउन की वजह से ऐसा करने के लिए मजबूर हो गए हैं. हालांकि, इसके ज़रिए ग्राहक डिजिटल कॉमर्स और इससे जुड़ी सुविधाओं का महत्व समझने लगे हैं जिससे उनके जीवन पर प्रभाव पड़ रहा है. डिजिटल कॉमर्स पर लोगों के भरोसे ने बहुत कुछ बदल दिया है. इसका ये भी अर्थ है कि इसकी वजह से कई उद्योग और क्षेत्र बंद पड़ गए हैं, जबकि कई स्टार्ट अप्स के लिए ये सुनहरा मौका साबित हो रहा है.” जो व्यापार पहले सिर्फ ई-कॉमर्स की तरफ देखथे थे, अब देखते ही देखते वो ऑनलाइन आ गए हैं.

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कठिन था अफ्रीका में बिजनेस शुरू करना

आश्चर्य की बात नहीं है कि पीच पेमेंट्स में 2020 में नए अकाउंट्स की तादाद बहुत ज़्यादा बढ़ी है. जैन याद करते हैं कि नए देश में नया व्यवसाय शुरू करने में उन्हें निजी स्तर पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. वह कहते हैं, “मेरा कोई नेटवर्क नहीं था. दक्षिण अफ्रीका में पहले बैंक को हमारे साथ काम करने के लिए मनाने के लिए हमें एक साल लग गया. वहां फंडिंग को लेकर सोच भी काफी अलग है. अफ्रीका वो जगह नहीं थी जहां वेंचर कैपिटल में रुचि बहुत ज़्यादा थी. लेकिन, पिछले दो साल में हालात बदले हैं. आज अफ्रीका में नई कंपनियां पैर पसार रही हैं और लगातार 10 करोड़ डॉलर से ऊपर का फंड उठा रहे हैं. 2014 में तो 10 लाख डॉलर भी उठा पाना मुश्किल था.

Source : News18

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