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मिस्र में मिला 4500 साल पुराना सूर्य मंदिर, अब तक छह में से 2 मंदिरों की हो चुकी है खोज

कुछ पुरातत्वविद मिस्र में राजधानी काहिरा से दक्षिण की तरफ मौजूद शहर अबु गोराब के रेगिस्तान में खनन कर रहे थे. अचानक उन्हें ऐसा प्राचीन मंदिर मिला जिसे देखकर वो हैरान रह गए. यह मंदिर सूर्य देव का है. पिछले 4500 सालों से यह रेगिस्तान में दबा था. मिस्र के आर्कियोलॉजिस्ट का मानना है कि यह पिछले दशक की सबसे बड़ी खोज है. इसे मिस्र फैरोह ने बनावाया था.
मिस्र में अब तक दो प्राचीन सूर्य मंदिरों की खोज की गई है. हालांकि वॉरसॉ स्थित एकेडमी ऑफ साइंसेज में इजिप्टोलॉजी के असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. मासिमिलानो नुजोलो ने कहा कि हमने ऐसी प्राचीन वस्तुओं की खोज के लिए काफी समय दिया है. लेकिन जब ऐसा कुछ मिलता है जो पूरी सभ्यता, संस्कृति और उस समय के निर्माणकला विज्ञान को दर्शाता है तो हैरानी होती है. बहुत कुछ सीखने को मिलता है.
Egyptian ‘Sun Temple’ buried in desert for 4,500 years unearthed by expertshttps://t.co/nvgOPcyvJ1 pic.twitter.com/KZiGd1jn3f
— The Mirror (@DailyMirror) November 16, 2021
पुरातत्वविदों के अनुसार यह मंदिर पांचवें साम्राज्य के फैरोह ने बनवाया था. तब वह जीवित थे. इसका मकसद था कि उन्हें लोग भगवान का दर्जा दें. दूसरी तरफ पिरामिड्स बनवाए गए थे, जहां पर फैरोह के मरने के बाद उनकी कब्र बनाई जाती थी. ताकि मरने के बाद वह भगवान का स्वरूप हासिल कर सकें.
मिस्र के उत्तर में पुरातत्वविदों को मिले सूर्य मंदिर से यह पता चला था कि देश में और भी सूर्य मंदिर हैं. जिसके बाद पूरे देश में इन मंदिरों की खोज शुरू की गई. फिर यह जानकारी मिली की मिस्र में ऐसा छह सूर्य मंदिर हैं, जो 4500 साल पहले बनवाए गए थे. उनमें से एक अभी अबु गोराब के रेगिस्तान में मिला है.
मिस्र के पांचवें साम्राज्य के फैरोह न्यूसिरी इनी ने इन मंदिरों का निर्माण कराया. अभी जो मंदिर मिला, वह भी इन्ही ने बनवाया था. न्यूसिरी इनी ने ईसापूर्व 25वीं सदी में 30 साल तक साम्राज्य किया था. जब पुरातत्वविदों ने और जांच की तो पता चला कि मंदिर का निर्माण मिट्टी से बने ईंटों से किया गया था. जिसकी दो फीट गहरी नींव चूना पत्थरों से बनाई गई थी.
विशेषज्ञों का मानना है कि असली मंदिर काफी विहंगम रहा होगा. क्योंकि अबु गोराब में मिले अवशेषों को लेकर उन्होंने इस मंदिर की डिजाइन कंप्यूटर पर बनाई. जो देखने में काफी खूबसूरत दिखता है. इसके अलावा पुरातत्वविदों को प्राचीन स्थल से बीयर के जार मिले, जो मिट्टी से भरे हुए थे. इन जारों में सूर्य देवता को किसी पूजा पाठ के समय चढ़ावा दिया जाता रहा होगा.
डॉ. मासिमिलानो नुजोलो ने कहा कि हमें बहुत पहले से यह अंदाजा था कि अबु गोराब के रेगिस्तान में जमीन के नीचे कुछ छिपा है. जिसे न्यूसिरी ने बनवाया था. लेकिन हमें यह नहीं पता था कि हम इतने बड़े स्तर की खोज करेंगे. अब हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं जो कि मिस्र के सूर्य मंदिरों की कहानियां बताते हैं. हालांकि, अब भी यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई है कि सूर्य मंदिर बनवाने के पीछे का असली मकसद क्या था.
डॉ. मासिमिलानो नुजोलो ने कहा कि क्योंकि अभी यह पता करना बाकी है कि एक फैरोह ने यह मंदिर बनवाए या उनके काल के अलग फैरोह ने भी यह काम किया था. मिस्र का पांचवां साम्राज्य करीब 150 सालों तक रहा. यह 25वीं सदी ईसापूर्व से लेकर मध्य 24वीं सदी ईसापूर्व तक था. दूसरी बात ये है कि छोटे राजाओं द्वारा भी सूर्य मंदिर बनवाने का इतिहास दर्ज है. मिस्र के लोग सूर्य देवता को Ra नाम से बुलाते थे. जो नील नदी के किनारे बना है.
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पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है: इमरान खान

पाकिस्तान में अक्सर हिंदू लड़कियों के अपहरण और उनके जबरन धर्मांतरण को लेकर खबरे सामने आती रही हैं. अब इस मामले में देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने हैरान करने वाली बात का खुलासा किया है. उन्होंने एक सम्मेलन में बोलते हुए यह स्वीकार किया है कि पाकिस्तान में युवा और गैर मुस्लिम लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक एक अल्पसंख्यक सम्मेलन में जनता को संबोधित करते हुए क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने गुरुवार को सिंद में हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण की निंदा की.
याद दिलाई कुरान की आयत
कुरान की एक आयत को याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान में एक आयत है कि इस्लाम में कोई जबरदस्ती नहीं है. यह अल्लाह का हुक्म है और जो कोई किसी गैर मुस्लिम को जबरन धर्म परिवर्तन कराता है वह अल्लाह की अवज्ञा कर रहा है.
पाकिस्तान में यह पहली बार नहीं ही कि किसी राजनेता ने जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर टिप्पणी की है लेकिन इसके मामले पड़ोसी मुल्क में आए दिन सामने आ रहे हैं.
पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण की कई खबरें आई हैं, विशेष रूप से अल्पसंख्यक हिंदू लड़कियों के. लेकिन पाकिस्तान की सरकारें और राजनेता हमेंशा ही इस मामले पर चुप रहे और इस मुद्दे को हल करने के लिए कभी भी काम नहीं किया.
सरकार ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक को नहीं दी अनुमति
पिछले साल अक्टूबर में, एक संसदीय समिति ने अल्पसंख्यक समुदायों के विधायकों के विरोध के बावजूद धार्मिक मामलों के मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित कानून का विरोध करने के बाद संसद में जबरन धर्मांतरण विरोधी विधेयक लाने की अनुमति नहीं दी थी.
2017 की जनगणना के अनुसार पाकिस्तान की कुल आबादी में हिंदू आबादी का कुल हिस्सा 2 प्रतिशत है, इसमें एक लगभग 90 प्रतिशत लोग भारत की सीमा से लगे सिंध प्रांत में रहते हैं.
धार्मिक स्वतंत्रका के उल्लंघन को लेकर पिछले साल संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान को विशेष चिंता वाले देशों की सूची में डाल दिया था. जबरन धर्मांतरण के खिलाफ पिछले साल सिंध सरकार ने इसे दंडनीय अराध घोषित कर दिया था लेकिन क्षेत्र के राज्यपाल ने इस कानून को मान्यता देने से इनकार कर दिया था.
Source : News18
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नीरज चोपड़ा का सपना तोड़ने वाले पर हुई लात-घूसों की बरसात, वर्ल्ड चैम्पियन एथलीट का अपने देश में बुरा हाल

भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा का विश्व चैम्पियन बनने का सपना तोड़ने वाले ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स के साथ उन्हीं के देश में मारपीट हुई है, जिससे वो घायल हो गए हैं. पीटर्स कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद इसी हफ्ते अपने देश लौटे थे. कैरेबियन नेशनल डेली की खबर के मुताबिक, पीटर्स की कुछ लोगों ने पिटाई कर दी और उन्हें बोट से बाहर फेंक दिया. इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है. इसमें देखा जा सकता है कि एक बोट पर कुछ लोग पीटर्स के साथ मारपीट कर रहे हैं. इसके बाद उन्हें नीचे फेंक दिया गया था.
पीटर्स ने हाल ही में अमेरिका के यूजिन में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में जेवलिन थ्रो इवेंट का गोल्ड मेडल जीता था. उन्होंने 90.54 मीटर दूर भाला फेंक अपने खिताब का बचाव किया था. टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले नीरज ने 88.13 मीटर दूर भाला फेंकते हुए सिल्वर मेडल जीता था. हालांकि, पीटर्स कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने इस प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाए थे और जेवलिन थ्रो का गोल्ड मेडल पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जीता था. नदीम ने 90.18 मीटर की दूरी तय करते हुए गोल्ड मेडल जीता था. जबकि पीटर्स को रजत पदक से संतोष करना पड़ा था.
#AndersonPeters being beaten by five non-national in #Grenada pic.twitter.com/NrVBJwu2t9
— Do.Biblical.Justice. (@StGeorgesDBJ) August 11, 2022
कैरेबियन एसोसिएशन ऑफ नेशनल ओलिंपिक कमेटी के अध्यक्ष ब्रायन लुईस ने बताया, ‘मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि मुझे इस घटना का कितना दुख और अफसोस है. इस घटना का वीडियो देखकर मन बेहद दुखी है.’
पीटर्स की ग्रेनाडा में ही हुई पिटाई
जिस बोट पर यह घटना हुई है, वो त्रिनिदाद के ट्रेड मिनिस्टर के बेटे की है. इस मामले में ग्रेनाडा की ओलंपिक कमेटी ने एक दिन पहले आधिकारिक बयान के जरिए यह जानकारी दी थी कि पीटरसन के साथ मारपीट करने वाले लोग ग्रेनाडा के नहीं थे और इस मारपीट की घटना में इस एथलीट को गंभीर चौट नहीं आई है. फिलहाल, हमारी नजर पीटर्स की रिकवरी पर है. इस मामले को लेकर हम सब पीटर्स के साथ हैं और हमारी कोशिश होगी कि उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिले.
Source : News18
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चीन से तनाव के बीच ताइवान के बड़े मिसाइल साइंटिस्ट की संदिग्ध मौत, होटल में मिला शव

ताइपे: ताइवान रक्षा मंत्रालय की अनुसंधान एवं विकास इकाई के उप प्रमुख शनिवार सुबह एक होटल के कमरे में मृत पाए गए. ताइवान की आधिकारिक केंद्रीय समाचार एजेंसी ने इस खबर की पुष्टि की है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक ताइवानी सेना के स्वामित्व वाले नेशनल चुंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के उप प्रमुख ओ यांग ली-हिंग शनिवार सुबह दक्षिणी ताइवान के एक होटल के कमरे में मृत पाए गए. उनकी मौत के पीछे के कारणों की जांच चल रही है.
ब्रिटिश न्यूज एजेंसी राॅयटर्स ने सीएनए के हवाले से बताया कि ओ यांग ली-हिंग पिंगटुंग के दक्षिणी काउंटी की व्यावसायिक यात्रा पर थे. उन्होंने ताइवान की विभिन्न मिसाइल उत्पादन परियोजनाओं की निगरानी के लिए इस साल की शुरुआत में नेशनल चुंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के उप प्रमुख के रूप में पद ग्रहण किया था. ताइवानी सेना के स्वामित्व वाली संस्था इस साल अपनी वार्षिक मिसाइल उत्पादन क्षमता को दोगुना से अधिक, 500 के करीब करने के लिए काम कर रही है. क्योंकि यह द्वीपीय देश चीन के बढ़ते सैन्य खतरे के रूप में अपनी युद्ध शक्ति को तेजी बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है.
विशेष रूप से हाल के महीनों में बीजिंग ने अपनी तथाकथित वन चाइना नीति पर जोर बढ़ाया है और ताइवान के प्रति सख्त रुख अपना रहा है. वर्तमान में चीन, अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के प्रतिशोध में इस द्वीपीय देश की चारो ओर से घेराबंदी कर बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर रहा है. इस बीच, ताइवान ने चीन की सेना पर शनिवार को अपने मुख्य द्वीप पर हमले का ‘अनुकरण’ करने का आरोप लगाया. नैंसी पेलोसी 25 वर्षों में ताइवान का दौरा करने वाली अमेरिकी संसद की पहली अध्यक्ष हैं.
उन्होंने ताइपे में ताइवान की संप्रभुता और सुरक्षा को बरकरार रखने की वकालत ही. इस घटना के बाद पहले से बिगड़ते संबंधों के बीच अमेरिका और चीन सीधे टकराव की स्थिति में खड़े हो गए हैं. पेलोसी के ताइवान छोड़ने के 18 घंटे बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की सभी शाखाओं ने पहली बार द्वीप को पार कर बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास शुरू किया. चीन ने ताइवान पर न केवल व्यापार प्रतिबंध लगाए बल्कि यह भी कहा कि वह नैंसी पेलोसी की यात्रा को लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ कई तरह की बातचीत और सहयोग समझौतों से पीछे हट जाएगा.
Source : News18
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