MUZAFFARPUR
मुजफ्फरपुर के आयुष को वन सेवा में 6ठी रैंक

यूपीएससी द्वारा इंडियन फॉरेस्ट सर्विस का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इसमें जिले के आयुष कृष्णा ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। उसने देशभर में 6ठी रैंक हासिल की है।
यूपीएससी की इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में देशभर में 6वीं रैंक लाने वाले आयुष कृष्णा की मां रेणु कृष्णा ने कहा कि शुरू से ही वह अपने लक्ष्य को लेकर ईमानदार रहा है। मेहनत करने से वह कभी पीछे नहीं हटा। रामकृष्ण मिशन से उसकी पढ़ाई हुई है। पिता डॉ. अर्जुन कृष्णा ने कहा कि आयुष की मेहनत व प्रतिभा का यह परिणाम है।
बहन अनामिका ने कहा कि जब दो प्रयास में सफलता नहीं मिली तो उसने हार नहीं मानी बल्कि और मेहनत की। आयुष ने कहा कि असफलता ने कभी मुझे निराशा नहीं किया, बल्कि कमजोरी को पहचान आगे बढ़ने का मौका दिया। यही वजह है कि ऑल इंडिया 6वीं रैंक ला पाया।
Source : Hindustan
MUZAFFARPUR
रक्षाबंधन के अवसर पर प्रशांत होंडा ने महिला ग्राहकों को किया सम्मानित

लेनिन चौक स्थित होंडा टू व्हीलर्स के अधिकृत विक्रेता प्रशांत होंडा ने रक्षाबंधन के अवसर पर आज मेंहदी कैम्पेन का आयोजन किया।
प्रशांत होंडा द्वारा अयोजित इस आयोजन में महिला ग्राहकों को आमंत्रित कर उनके स्कूटर का फ्री सर्विस एवं चेकअप किया गया। तथा उनके हाथों में मेंहदी लगी एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में करीब 40 महिलाओं ने भाग लिया था। वहीं इस मौके पर प्रशांत होंडा के बिक्री प्रबंधक अनिल कुमार वर्मा, दिनेश ठाकुर,सिमरन,शिल्पा,साक्षी इत्यादि का सहयोग काफी सराहनीय रहा।
BIHAR
मुजफ्फरपुर डीएम का फेक वाट्सएप अकाउंट बना बीडीओ-सीओ से मांगे रुपए ; एफआईआर दर्ज

साइबर फ्राॅड गैंग ने डीएम प्रणव कुमार के नाम पर फर्जी वाट्सएप अकाउंट बना प्रशासनिक अधिकारी व आमलोगों से चैटिंग कर ठगी कर रहा है। बंदरा के प्रखंड विकास अधिकारी व कुढ़नी-कांटी के अंचल अधिकारी से रुपए मांगे गए हैं। इसका खुलासा हाेने पर जिला गोपनीय प्रशाखा के विशेष कार्य पदाधिकारी ने मंगलवार काे टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया।
प्राथमिकी में कहा गया है कि जिलाधिकारी प्रणव कुमार के फोटो का फर्जी इस्तेमाल कर दो अलग-अलग मोबाइल नंबर से फर्जी अकाउंट बनाए गए हैं। उन नंबराें से जिले के प्रशासनिक अधिकारियों व आमलोगों से चैट किया जा रहा है। चैटिंग के क्रम में अमेजन गिफ्ट कार्ड के माध्यम से राशि की मांग की जा रही है। नगर थाने की पुलिस को प्राथमिकी के लिए फर्जी वाट्सएप अकाउंट से बीडीओ-सीओ से की गई चैटिंग का स्क्रीन शॉट भी दिया गया है।
थानेदार ने कहा- साइबर एक्सपर्ट के माध्यम से कराई जाएगी मामले की जांच
साइबर फ्रॉड हुआ तो सबसे पहले ये करें
1. 1930 पर फोन कर तत्काल शिकायत दर्ज कराएं
2. cybercrime.gov.in पर कागजात के साथ शिकायत करें
3. इसके बाद संबंधित थाने में और बैंक में मामले की लिखित शिकायत करें
विशेष कार्य अधिकारी ने थाने को दी मामले की सूचना
जिला गोपनीय प्रशाखा के विशेष कार्य अधिकारी कुमार अभिषेक ने मामले की नगर थाने में लिखित शिकायत की। उसी के आधार पर इसकी प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें मैसेज भेजे जानेवाले दोनाें मोबाइल नंबराें 91239:::772 और 76785::6507 के धारक को आरोपित बनाया गया है। पुलिस दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दोनों शातिरों के सत्यापन में जुट गई है।
जिला सर्विलांस टीम दोनों मोबाइल नंबर का सीडीआर व कैप निकाल कर आरोपिताें की गिरफ्तारी में जुट गई है। दोनों में से एक नंबर को ट्रू कॉलर पर चेक करने पर राजेश कुमार बताता है। इधर, टाउन थानेदार अनिल कुमार ने बताया कि साइबर एक्सपर्ट के माध्यम से शातिर की पहचान की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
Source : Dainik Bhaskar
BIHAR
मुजफ्फरपुर जिले में दाखिल-खारिज के 47,482 मामले लंबित, डीएम ने जताई नाराजगी

मुजफ्फरपुर के 16 अंचलों में 47 हजार 482 मामले ई-म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) के लंबित है। इसमें 21 दिनों के अंदर के 35 हजार 798 और 63 दिनों के अंदर वाले 3430 मामले लंबित हैं। इसमें सबसे अधिक मुशहरी अंचल में 7500 मामले लंबित पड़े हैं। सबसे कम मुरौल में मात्र 250 आवेदन लंबित है। पूरे मामले में विभाग द्वारा 31 जुलाई तक का विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजा गया है। जबकि ई-म्यूटेशन को लेकर सरकार का सख्त आदेश है कि इसे समय सीमा के अंदर निपटारा करें। अन्यथा संबंधित कर्मचारी व अंचलाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
समीक्षा बैठक में लंबित संख्या पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कर्मचारियों व सभी सीओ को चेतावनी दी थी। इसके बावजूद दाखिल-खारिज के निष्पादन को लेकर तेजी नहीं लाई जा रही है। बता दें कि सरकार के सख्त आदेश के बाद भी दाखिल-खारिज मामले में अंचलाधिकारी व कर्मचारी शिथिलता बरतते है। जबकि पूरी प्रक्रिया आनलाइन है। बावजूद आनलाइन आवेदन करने के बाद भी दाखिल-खारिज के लिए लोगों को परेशान किया जाता है। शिकायत के बाद भी प्रशासन के स्तर से कार्रवाई नहीं हो पाती है। नतीजा अंचलों में जमे कर्मी मनमानी तरीके से काम करते हैं।
Source : Dainik Jagran
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