राज्य में एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग अब पूरी तरह वर्जित होगा। एक जुलाई से आमजनों के लिए इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, आम लोगों से पहले सरकारी दफ्तरों में इस पाबंदी को सौ फीसदी लागू कराने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने राज्य सरकार के सभी विभागों को दिशा निर्देश जारी कर दिया है। इसके मद्देनजर भवन निर्माण विभाग ने भी मुख्य सचिव के आदेश के शत-प्रतिशत अनुपालन का निर्देश जारी कर दिया है।

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मुख्य सचिव के निर्देश पर अन्य विभागों में इस पर पाबंदी की तैयारी शुरू हो गई है। इस तरह एक जुलाई से पहले से ही प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री की खरीद सरकार के सभी कार्यालयों में नहीं हो सकेगा। मुख्य सचिव के पत्र के अनुसार अब किसी भी सरकारी कार्यालय की बैठकों में प्लास्टिक के बोतलों वाले पानी का उपयोग नहीं हो सकेगा। इसके लिए शीशा या अन्य धातु से बने ग्लास रखने के लिए कहा गया है। कर्मचारियों और आगंतुकों को शुद्ध पानी मिले इसके लिए कार्यालयों में वाटर प्यूरिफायर लगाने को भी कहा गया है। इसके अलावा बैठकों में एल फोल्डर के नाम से जाने जाने वाले प्लास्टिक के बैग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसकी जगह कागज के बने फोल्डर का प्रयोग करना है। अगर बैग जरूरी है तो वह जूट या कपड़ा के बैग का इस्तेमाल होगा।

गुलदस्ता में प्लास्टिक का उपयोग नहीं

मुख्य सचिव ने कहा है कि प्लास्टिक या थर्मोकोल से बने एकल उपयोग वाले पात्रों का उपयोग भी वर्जित होगा। गुलदस्ते के स्थान पर केवल फूल देकर स्वागत करने की परम्परा को सरकारी कार्यालयों में बढ़ावा दिया जाएगा। गुलदस्ता देने की इच्छा हो तो यह ध्यान रखना होगा कि उसमें प्लास्टिक का उपयोग नहीं हो। इसी के साथ मुख्य सचिव ने साफ कहा है कि सभी कार्यालय में कूड़े के निपटारे के पहले उन्हें अलग करने की व्यवस्था होनी चाहिए। रिसाइकिल किये जाने वाले कूड़ों को अलग पात्र में रखना होगा।

Source : Hindustan

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