बिहार में शराबबंदी  कानून लागू होने के बावजूद शराब पीने और बेचने पर पूरी तरह रोक नहीं लग पा रही है. हालांकि पुलिस लगातार कार्रवाई भी कर रही है, लेकिन जहरीली शराब से मरने के मामले भी अक्सर आते रहते हैं. वहीं शराबबंदी से जुड़े कुछ आंकड़े भी सामने आए, जो हैरान करने वाले हैं. बिहार में चालू वर्ष की पहली छमाही में शराबबंदी कानून का कथित उल्लंघन करने के आरोप में करीब 60 हजार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं पुलिस मुख्यालय की तरफ से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार इस दौरान 16 लाख लीटर से अधिक देसी और विदेशी शराब बरामद की गई, जबकि शराब ले जा रहे 7,000 से अधिक वाहन जब्त किए गए हैं.

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दरअसल बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने के आरोप में जनवरी से जून के बीच कुल 59,015 लोगों को गिरफ्तार किया गया. पिछले छह महीने के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों में करीब 10 प्रतिशत यानी 5,642 अकेले पटना जिले से हैं, जहां सबसे अधिक मात्रा (1.56 लाख लीटर) में शराब भी जब्त की गई. बिहार के सभी 38 जिलों में कुल जब्त शराब में 9.75 लाख लीटर विदेशी शराब और 6.90 लाख लीटर देसी शामिल है.

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अप्रैल 2016 में लागू हुई थी शराबबंदी

इस दौरान जब्त किए गए वाहनों कार, ट्रक और बसें जिनमें शराब अवैध रूप से ले जाया गया, की कुल संख्या 7,105 रही. बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में राज्य में शराबबंदी लागू की थी. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद दूसरे राज्यों से तस्करी कर लाए गए शराब की जब्ती आए दिन होने के अलावा पिछले छह महीनों में कथित जहरीली शराब पीने से चार दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.

शराबबंदी का उल्लंघन दंडनीय अपराध

गौरतलब है कि बिहार सरकार ने पांच अप्रैल 2016 से राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर रोक लगाने और इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध बनाने के कानून को लागू किया था

Source: Tv9

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