राज्य सरकार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्तर से लागू की गई बिहार अमीन सह राजस्व कर्मचारी संवर्ग नियमावली-2022 को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही पहले से लागू बिहार अमीन संवर्ग नियमावली-2013 समेत अन्य पुरानी नियमावली यथावत लागू हो गई है।
नई नियमावली के निरस्त होने से जो अमीन या कर्मचारी जहां पहले से तैनात हैं, फिलहाल वे वहीं बने रहेंगे। नई नियमावली में यह प्रावधान किया गया था कि तीन वर्ष से ज्यादा समय एक ही स्थान पर जमे अमीन एवं राजस्व कर्मचारियों का तबादला किया जायेगा। जो तबादले होने वाले भी थे, उसमें अमीन और कर्मचारी को एक प्रमंडल छोड़कर भेजने की नीति थी। इससे एक-एक पंचायत या स्थान पर 10 साल या इससे ज्यादा समय से जमे कर्मियों को हटाने की रणनीति थी। परंतु नई नियमावली निरस्त होने से पूरी स्थिति पहले जैसे ही हो गई है। फिलहाल कोई कर्मी नहीं हटेंगे। इसके साथ ही अमीन और कर्मचारी के तबादले का अधिकार फिर से डीएम को ही मिल गया है। नई नियमावली में यह अधिकार जिलाधिकारियों से ले लिया गया था। इसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर तमाम अधिकार विभाग को मिल गई थी, जो अब वापस जिला स्तर पर चली गयी है।
मनमानी पर अंकुश नहीं लग सकेगा
विभागीय सूत्रों के अनुसार, नई नियमावली के रद्द होने से अमीन और कर्मचारी की मनमानी पर अंकुश नहीं लग सकेगी। नई नियमावली का विभाग के एक वर्ग के लोग काफी विरोध भी कर रहे थे। इससे कुछ लोगों को काफी समस्या होने लगी थी। वर्तमान में कर्मचारी सेटिंग करके अपनी प्रतिनियुक्ति मनचाहे स्थान पर करवा लेते हैं और जमीन के मामले में जमकर धांधली करते हैं। नई नियमावली में प्रतिनियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं किया गया था। इस तरह की कई विसंगति को दूर करने की कोशिश नई नियमावली में की गई थी।
Source : Hindustan