बिहार में सत्ताधारी दल जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) और बीजेपी  में शह-मात का खेल जारी है. जेडीयू जहां विशेष राज्य के मुद्दे पर लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बना रही है. वहीं, बीजेपी भी नीतीश सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े कर रही है. बिहार बीजेपी  के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार सरकार को आईना दिखाया है. साथ ही नसीहत भी दी है. बीजेपी ने कहा है कि केंद्र सरकार बिहार का काफी ध्यान रखती है.

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संजय जायसवाल ने बकायदा आंकड़ों के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि केंद्र सरकार जो मदद दे रही राज्य सरकार उसे सही से खर्च नहीं कर रही. उन्होंने महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत के राज्यों को मिलने वाले केंद्र से सहयोग की तुलना बिहार से की. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष ने कहा कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार को हुआ है. पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे, उनको अलग से कमाई होती थी. अब इस कमाई का बड़ा हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बंटता है जिसके कारण  बिहार को 20 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा हुआ है.

‘प्रधानमंत्री के दिए पैकेज का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाया बिहार’

बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने की बात करते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि शाहनवाज हुसैन अच्छा प्रयास कर रहे हैं, पर पूरे मंत्रिमंडल का सहयोग आवश्यक है. जहां भी संभव हो वहां प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप होनी चाहिए. उद्योग लगाने वालों को विलेन समझने की मानसिकता बिहार को कहीं का नहीं छोड़ेगी. उन्होंने कहा कि बिहार छह वर्षों में भी प्रधानमंत्री के दिए हुए पैकेज का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाया है. अभी भी दस हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है. उन्होंने कहा कि एक छोटा सा उदाहरण मेरे लोकसभा क्षेत्र का रक्सौल हवाई अड्डा है जिसके लिए प्रधानमंत्री पैकेज में ढाई सौ करोड़ रुपए मिले हैं पर  बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त जमीन नहीं देने के कारण आज भी यह योजना रुकी हुई है. प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में भी बिहार को हजारों करोड़ रुपए मिलने हैं. अगर हमने भूमि उपलब्ध नहीं कराया तो यह किस्से कहानियों की बात हो जाएगी.

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बिहार बीजेपी के अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं का समुचित उपयोग करना होगा जैसे बिहार सरकार के जल नल योजना में केंद्र की 50 प्रतिशत राशि लगी है जिसका इस्तेमाल हम पंचायती राज की अन्य योजनाओं में कर सकते थे, और जल नल योजना की राशि सीधे जल संसाधन विभाग से ले सकते थे. पिछले वित्तीय वर्ष में छह हजार करोड़ की राशि बिहार सरकार को आवंटित की गई थी पर जल नल योजना के मद में हमने यह पैसे नहीं लिए. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए हमें स्वयं काम करना होगा. केवल यह सोच कि समाज स्वयं शिक्षा के साथ जनसंख्या को नियंत्रित कर लेगा, के चक्कर में बहुत देर हो जाएगी. आज भी हम जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए कोई अभियान नहीं चला रहे हैं जबकि इसमें भी बिहार पूरे देश में सबसे ज्यादा फिसड्डी है.

Source : News18

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