पटना। बिहार में अब अगर आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना है तो आपका पढ़ा-लिखा होना जरूरी है। क्योंकि अब आपको इसके लिए अॉनलाइन टेस्ट देना होगा जिसमें से आपको कम-से-कम 50% सवालों का जवाब देना ही होगा, नहीं तो ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन सकेगा। आज से ही ये नियम लागू हो जाएगा।

बिहार के परिवहन मंत्री संतोष निराला शुक्रवार को अधिवेशन भवन में नई व्यवस्था का प्रदेशव्यापी शुभारंभ करेंगे। अब ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन टेस्ट देना होगा। कंप्यूटर के सामने बैठकर टेस्ट लेने का प्रावधान किया गया है। परिवहन विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है।

आवेदक हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषा में टेस्ट दे सकेंगे। इस ऑनलाइन टेस्ट में आवेदक को कम से कम 50 प्रतिशत सवालों का सही जवाब देना होगा, वरना वे फेल माने जाएंगे। केवल इतना ही नहीं जो पढ़े लिखे नहीं है और उन्हें कंप्यूटर का ज्ञान नहीं है तो उनके लाइसेंस बनाने का सपना अधूरा रह जाएगा। इसका सबसे अधिक असर व्यावसायिक वाहन चलाने वालों पर पड़ेगा।

सबका देना होगा जवाब

टेस्ट में ट्रैफिक रूल्स, ट्रैफिक साइन, एक्सीडेंट आदि के बारे में पूछा जाएगा। कौन-कौन से पेपर गाड़ी के साथ लेकर चलें? गाड़ी को कैसे ओवरटेक करना है? कहां से मुडऩा है? कुछ इसी तरह के कुल सवाल पूछे जाएंगे। तय समय में कम से कम 13 सवालों का सही जवाब देना होगा। सही जवाब देने वालों को ही लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा।

हैंड हेल्ड डिवाइस से ऑन स्पॉट कटेगा ई चालान

बिहार के सभी जिलों में अब टै्रफिक रूल तोडऩे वाले और मोटर वाहन अधिनियमों के उल्लंघनकर्ताओं से ऑन स्पॉट ई चालान काट हैंडहेल्ड डिवाइस के जरिए जुर्माना वसूला जाएगा। सरकार जुर्माना भरने वालों को डेबिट, क्रेडिट कार्ड के अलावा पेटीएम से जुर्माने की राशि जमा करने की भी सुविधा मुहैया कराएगी।

हैंडहेल्ड डिवाइस से ई चालान काटने पर हर वाहन चालक उल्लंघनकर्ताओं का सिस्टम में रिकॉर्ड दर्ज होगा। बार बार नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित वाहन चालक पकड़ में आ जाएंगे और उनका लाइसेंस रद किया जाएगा।

Input : Dainik Jagran

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