BIHAR
बिहार : ऊर्जा मंत्री ने मानी राज्य में बिजली संकट की बात, बोले- 1000 मेगावाट की हो रही कमी

पटना. देश और राज्य में भारी गर्मी के बीच बिजली संकट लोगों को खासा परेशान कर रहा है. राज्य के कई हिस्सों में बिजली संकट गहरी हो गयी है. बिहार के कई जिलों में घंटों बिजली गुल होने की समस्या है. भीषण गर्मी और धूप से बचने के लिए लोग अपने घरों में रह रहे हैं, लेकिन घरों में भी लोगों को राहत नहीं मिल रही. इस बीच ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने भी पहली बार ये माना कि बिजली संकट बिहार में भी है. बिहार को अभी 64 से 6500 मेगावाट बिजली की जरूरत है, लेकिन 4500 से 4800 मेगावाट ही बिजली मिल रही है. उन्होंने कहा कि अभी 1000 मेगावाट की कमी हो रही है.
हालांकि ऊर्जा मंत्री ने दावा किया कि नबीनगर में 1 यूनिट चालू हो जाएगा, उससे 500 मेगावाट बिजली बिहार को मिलेगा. इसके चालू हो जाने से एक दो दिनों में बिजली संकट से राज्य के लोगों को निजात मिल सकती है. जदयू नेता सह ऊर्जा मंत्री ने जदयू कार्यालय में जन सुनवाई के दौरान दावा किया कि 1 से 2 दिनों में बिहार को बिजली संकट से छुटकारा मिल जाएगा.
ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने बताया कि देश मे कोयला संकट गहराता जा रहा है जिसके कारण बिजली उत्पादन के लिए बिहार को जितने कोयला की जरूरत है, वह नहीं मिल पा रहा है और उत्पादन भी कम हो रहा है. बिहार सरकार और NTPC के बीच 5200 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराने का करार है, लेकिन बिजली उत्पादक कंपनी की ओर से फिलहाल 4200 मेगावाट बिजली की ही आपूर्ति की जा रही है जिससे बिजली संकट बना हुआ है.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार एनटीपीसी से 4200 मेगावाट बिजली अभी ले रही है. मगर यही स्थिति बरकरार रही तो आने वाले समय में प्रदेश में बिजली आपूर्ति की समस्या गंभीर बन जाएगी. इन सबके बीच जिन जिलों को जितनी क्षमता के अनुरूप बिजली मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिल रही है. उसमें भी कटौती की जा रही है. हालांकि मंत्री इस बात को लेकर आश्वस्त दिखे कि बिहार में बिजली संकट नहीं होने दिया जाएगा.
Source : News18
BIHAR
पटना में जंग का मैदान बना राजीव नगर, दोनों तरफ से जारी है ईंट पत्थर से लड़ाई, सिटी एसपी सहित 5 घायल

राजधानी पटना के राजीव नगर स्थित नेपाली नगर जंग का मैदान बना हुआ है। यहां पुलिस और स्थानीय लोगों में जंग छिड़ी है। दोनों तरफ से जारी पत्थरबाजी मेु सिटी SP सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। नेपाली नगर में 70 अवैध मकानों को तोड़ने पहुंची पुलिस को स्थानीय नागरिकों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
देखिए किस तरह छतों से पुलिस वालों पर पत्थर चला रहे लोग. pic.twitter.com/a1u4Tnz7lC
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) July 3, 2022
बुलडोजर एक्शन के दौरान सिटी एसपी अम्बरीश राहुल पर भी जमकर पथराव हुआ। जिसमें 5 पुलिसकर्मी सहित सिटी एसपी घायल हो गए हैं। स्थानीय लोगों के गुस्से का अंंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मकान तोड़ रही जेसीबी को स्थानीय लोगों ने तोड़ डाला।
प्रदर्शनकारियों के हमले में घायल हुए सिटी SP pic.twitter.com/sn9r1gm1MO
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) July 3, 2022
भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
प्रशासन की ओर से भारी तादाद में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। दंगा रोधी बल के साथ प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाओं अभियान चलाया। जिसका स्थानीय लोगों ने जम का विरोध किया। हालत ये है कि अभी माहौल तनाव पूर्ण बना हुआ है। दोनों तरफ से ईंट पत्थर चलाए जा रहे हैं। फिलहाल प्रशासन लोगों को काबू करने का प्रयास कर रहा है।
Source: NBT
MUZAFFARPUR
आपके प्रिय कालेज ने पूरे किए 123 वर्ष, 72 छात्र व पांच प्राध्यापकों से मुजफ्फरपुर में शुरू हुआ था सफर

अब न लंगट सिंह हैं और न उनकी मिट्टी की नश्वर काया…पर यह लंगट सिंह महाविद्यालय (एलएस कालेज) मजबूत स्तंभ-सा खड़ा है। यहां जबतक शिक्षक-शिक्षार्थी सत्य धर्म का, पवित्र चिंतन, मनन करते रहेंगे, अपने आचरण में उन सपनों को ढालेंगे, वातावरण में बाबू लंगट सिंह का जीवन संगीत गूंजता ही रहेगा। ये पंक्तियां बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अवकाश प्राप्त रीडर डा. सुरेंद्रनाथ दीक्षित ने अपनी पुस्तक बिहार रत्न बाबू लंगट सिंह और कालेज की विकास यात्रा में लिखी हैं। उन्होंने पुस्तक में बताया है कि कालेज की स्थापना तीन जुलाई 1899 में होने के प्रथम दो वर्षों में 72 विद्यार्थी और पांच प्राध्यापक ही थे। स्थापना काल के चार-पांच वर्ष बाद यहां विद्यार्थियों की संख्या बढ़कर 150 हो चली थी। वर्तमान में यह वटवृक्ष हो चुका है। अभी करीब 10 हजार विद्यार्थी और एक सौ प्राध्यापक इस कालेज में हैं।
शुरू में सिर्फ इंटर कला स्तर की पढ़ाई वाले इस कालेज में अब कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय के साथ ही दर्जनभर वोकेशनल कोर्स भी संचालित हो रहे हैं। नैक से ग्रेड ए प्राप्त करने वाला यह बीआरए बिहार विश्वविद्यालय का इकलौता कालेज भी है। प्राचार्य डा.ओमप्रकाश राय बताते हैं कि कालेज अपनी पुरानी विरासत को प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहा है। यहां के छात्र-शिक्षक देशभर में परचम लहरा रहे हैं।
आजादी के आंदोलन में राजनीति का मुख्य गढ़ रहा
आजादी के आंदोलन में एलएस कालेज राजनीति का मुख्य गढ़ हुआ करता था। 1942 में अगस्त क्रांति से ठीक एक महीने पूर्व यहां आइईएस डा.हरिचांद प्राचार्य बनकर आए थे। उस समय कालेज में अनेक छात्र-छात्राआं ने देशभक्ति के उदात्त भवों से प्रेरित होकर अगस्त क्रांति की उफनती ज्वालाओं में खुद को झोंक दिया था। इसी आंदोलन से निकलने के बाद वे प्रदेश और देश के नेता भी बने। तिरहुत प्रक्षेत्र के श्याम नंदन मिश्र, रामसागर शाही, रामदेव वर्मा, ललितेश्वर प्रसाद शाही, त्रिवेणी प्रसाद ङ्क्षसह व भुवनेश्वर चौधरी के नाम उल्लेखनीय हैं। देश की आजादी से लेकर पुनर्निर्माण तक में इनकी भूमिका रही। 1942 में ही देशभर में शुरू हुए भारत छोड़ो आंदोलन में यहां के विद्यार्थियों ने बड़ी भूमिका निभाई थी। कालेज से आंदोलनकारियों के जुड़ाव की जानकारी मिलने के बाद ब्रिटिश सरकार ने कालेज के ड्यूक और लंगट छात्रावास को खाली करवाकर यहां गोरी फौज का अस्थायी आवास बना दिया था।
Source: Dainik Jagran
BIHAR
अमरनाथ यात्रा पर हमले की साजिश नाकाम, लश्कर के 2 आतंकी गिरफ्तार, भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के तुकसान के ग्रामीणों ने लश्कर के 2 आतंकियों को हथियारों के साथ पकड़ लिया है. इनके पास से 2AK-47 राइफल, 7 ग्रेनेड और एक पिस्टल बरामद हुई है. डीजीपी ने ग्रामीणों के लिए 2 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की. पकड़े गए आतंकियों की पहचान फैजल अहमद डार और राजौरी के तालिब हुसैन के रूप में हुई है. फैसल अहमद लस्कर तैबा का ए श्रेणी का आतंकी है.
स्थानीय लोगों की मदद से जम्मू कश्मीर पुलिस ने लश्करे तैयबा के दो खतरनाक आतंकियों को रियासी जिला के तुकसान गांव से गिरफ्तार किया है. इनमें बाबा अमरनाथ की यात्रा पर हमला करने की साजिश का मास्टरमाइंड भी शामिल है. एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में भारी हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को पकड़कर ग्रामीणों ने पुलिस के हवाले किया. लश्कर तैयबा ने अमरनाथ यात्रा पर हमला करने की साजिश रची थी. इसके लिए जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर आमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया जाना था.
तालिब हुसैन ने पहले राजौरी में दो आईडी ब्लास्ट कर ट्रायल किया था. फिर वह ड्रोन के जरिए गिराए गए हथियार लेकर राजौरी से भाग निकाला था. हालांकि इसके दो साथी पुलिस ने राजौरी में ही एक सप्ताह पहले पकड़ लिए थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार कश्मीर निवासी फैसल अहमद लश्करे तैयबा का ए श्रेणी का आतंकी है. उसको सीमा पार से अमरनाथ यात्रा पर हमला करने के लिए तालिब हुसैन से संपर्क करने को कहा गया था. तालिब हुसैन ने ही यात्रा पर हमला करने की साजिश रची और दोनों जिला रियासी के गांव तुकसान में पहुंचे. इससे पहले कि ये अपनी साजिश को अंजाम दे पाते, पुलिस और स्थानीय लोगों ने इन दोनों आतंकियों को एक घर के भीतर से पकड़ लिया.
पकड़े गए समान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों आतंकी कितनी भारी मात्रा में गोला बारूद लेकर निकले थे. उनके पास दो एक-47 राइफलें, 5 मैगज़ीन, एक पिस्तौल, 7 हथगोले और भारी मात्रा में खाने-पीने का समान था. समय रहते स्थानीय लोगों ने पुलिस के साथ मिलकर इन दोनों को पकड़ लिया. जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक ने दोनों आतंकियो को पकड़वाने वाले स्थानीय लोगों को 2 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी रियासी जिले के तुकसान गांव में लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकवादियों को पकड़ने वाले बहादुर ग्रामीणों के लिए 5 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है.
Source : News18
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