सुपौल. अस्पताल परिसर में पहुंचकर भी उसने ई-रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया, क्योंकि दर्द से कराहती इस गर्भवती महिला को अस्पताल के अंदर ले जाने का वक्त नर्सों के पास नहीं था, वे चाय पीने में व्यस्त थीं. चिकित्सा सेवा को शर्मिंदा कर देने वाला यह मामला बिहार के सुपौल सदर अस्पताल का है.

nps-builders

शनिवार को सदर प्रखंड के चैनसिंह पट्टी के वॉर्ड नंबर 8 में रहनेवाले विकास कुमार अपनी गर्भवती पत्नी बबीता देवी को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे थे. अपनी पत्नी बबीता को ई रिक्शा से लेकर वे जब सदर अस्पताल परिसर में पहुंचे तो उनकी पत्नी का लेबर पेन बढ़ चुका था. वे दर्द से छटपटा रही थीं. ऐसी स्थिति में विकास तुरंत अस्पताल में मौजूद नर्सों के पास पहुंचे और बबीता को देख लेने की गुजारिश की. नर्सों ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे चाय पीकर आ रही हैं. इधर, विकास की पत्नी बबीता का लेबर पेन बहुत ज्यादा बढ़ चुका था. पर विकास के बार-बार बुलाने पर भी नर्सें चाय छोड़कर आने को तैयार नहीं हुईं.

umanag-utsav-banquet-hall-in-muzaffarpur-bihar

peter-england-muzaffarpur

वहीं पास ही खड़े कुछ मीडिया वालों की नजर जब इस पीड़ित परिवार पर पड़ी तो उन्होंने भी नर्सों से जल्दी चलने का आग्रह किया. मीडियाकर्मियों के आग्रह पर वहां मौजूद चारों नर्सें पत्रकारों से उलझ गईं. जब पीड़िता की कराह देख वहां मौजूद गार्ड ने भी नर्सों से गर्भवती महिला को देख लेने को कहा तो नर्सों ने उसे भी मना कर दिया और चाय पीने में लगी रहीं. आखिरकार, दर्द से कराहती बबीता ने ई-रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दिया. नर्सों के इस संवेदनहीन रवैये पर सीएस डॉ इंद्रजीत प्रसाद ने रटा-रटाया जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी.

Source : News18

Prashant Honda Ramnavmi -01

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *