पटना/खगड़िया. जम्मू कश्मीर में ग्रेनेड हमले में शहीद हुए कैप्टन आनंद कुमार का पार्थिव शरीर आज बिहार लाया जा रहा है. कैप्टन आनंद खगड़िया के शिरोमणि गांव के निवासी थे. गांव में चारो ओर शोक की लहर है. सोमवार को कैप्टन आनंद के शहीद होने की खबर जैसे ही गांव पहुंची तो गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया. गांववालों को विश्वास नहीं हो रहा है कि 10 जुलाई को वे गांव से वापस ड्यूटी पर गए ही थे और आज ये बुरी खबर उन्हें सुनने को मिलेगी. यही नहीं दस दिन पहले गांव में गृह प्रवेश हुआ था जिसमें घर के सभी सदस्य शामिल हुए थे. अब सबकी आंखों में बस आंसू ही आंसू हैं.
बता दें कि शहीद कैप्टन आनंद खगड़िया के परबत्ता प्रखंड के नयागांव शिरोमणि टोला के रहने वाले थे. कैप्टन आनंद लंबे समय से जम्मू कश्मीर में बॉर्डर पर तैनात थे. सेना की ओर से बताया गया कि सोमवार को वे सेना की गाड़ी से ड्यूटी एरिया में जा रहे थे, तभी वाहन ग्रेनेड की चपेट में आ गया. इसमें कैप्टन आनंद समेत गाड़ी में सवार एक जेसीओ सहित पांच लोग घायल हो गए. सभी को हेलिकॉप्टर से उधमपुर स्थित अस्पताल लाया गया; जहां पर इलाज के दौरान कैप्टन आनंद व जेसीओ शहीद हो गए.
मिली जानकारी के अनुसार कैप्टन आनंद बेहद मेधावी थे. वर्ष 2012 में भागलपुर के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. उन्होंने मैट्रिक एग्जाम में 95% अंक लाकर अपने जिले का नाम रोशन किया था. वर्ष 2014 में बोकारो के इंटर स्कूल चिन्मय से 86 % अंक से उत्तीर्ण हुए थे. इसके बाद उन्होंने 2015 में एनडीए की प्रतियोगिता परीक्षा पास कर तीन वर्षों की ट्रेनिंग पूरी की और 7 दिसंबर 2019 को कैप्टन बने थे.
परिवार में मां ममता देवी गृहिणी हैं, और पिता मधुकर सनगही बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं. वर्तमान में वे राजगीर पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में हैं. शहीद आनंद के पिता पहले भागलपुर में ही रहते थे जिसके कारण आनंद की शिक्षा भागलपुर जिले से हुई थी. शहीद आनंद के छोटे भाई दिल्ली रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. ग्रामीण संजीव कुमार का कहना है कि गांव में सबसे काफी अच्छा व्यवहार था और वे सबसे हालचाल पूछते रहते थे. आनंद की मां का तबीयत खराब होने के कारण पटना में ही रहकर इलाज करवा रहे हैं. अपने इस सपूत को गंवाकर खगड़िया का शिरोमणि गांव गम में डूबा हुआ है.
Source : News18