पटना के बोरिंग रोड इलाके में रहने वाले छात्र अमरजीत कुमार को बेंगलुरु के अटरिया विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई लिए 35 लाख रुपये की छात्रवृत्ति मिली है। अमरजीत का परिवार गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी में आता है।

उनकी मां अरुणा देवी दूसरे के घरों में काम कर अपना परिवार चलाती हैं। पिता दिहाड़ी मजदूर थे। वर्ष 2017 में उनका देहांत हो गया था। उन्हें प्राप्त 35 लाख रुपये की पूरी छात्रवृत्ति चार वर्षों के लिए उनकी पढ़ाई एवं रहने के लिए मिलेगी। इसमें ट्यूशन, बोर्डिंग और लॉजिंग, किताबें व अन्य सुविधाएं शामिल हैं।

हिन्दुस्तान से बातचीत में अरमजीत ने कहा- मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि मुझे इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए 35 लाख रुपए की छात्रवृत्ति मिलेगी और इतने बेहतर कॉलेज में पढ़ाई कर पाऊंगा। यह मेरे और मेरी मां के लिए एक अविश्वसनीय क्षण है। डेक्स्टेरिटी ग्लोबल द्वारा मुझे प्रशिक्षित किया गया है।

जब अमरजीत 5 साल के थे, तब उनकी मां ने डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक शरद सागर के यहां काम करना शुरू किया था। उन्हीं की मदद से पढ़ाई की। डेक्स्टेरिटी ग्लोबल के कॅरियर डेवलपमेंट प्रोग्राम डेक्सटेरिटी टू कॉलेज में नेतृत्व और कॅरियर विकास प्रशिक्षण प्राप्त किया।

दिला चुके हैं ढाई करोड़ छात्रवृत्ति

पिछले महीने ही डेक्सटेरिटी ग्लोबल संगठन सुर्खियों में आया था, जब भारत से पहले महादलित छात्र प्रेम कुमार को 2.5 करोड़ की छात्रवृत्ति पर अमेरिका के एक शीर्ष विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए चुना गया था। संस्था के संस्थापक शरद सागर ने बताया कि संगठन के कॅरियर डेवलपमेंट प्रोग्राम डेक्सटेरिटी टू कॉलेज के छात्रों ने अब विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों से 100 करोड़ से भी अधिक की छात्रवृत्ति प्राप्त की है।

मुझे अमरजीत और सभी डेक्सटेरिटी टू कॉलेज फेलो पर गर्व है। ये बच्चे सामान्य पृष्ठभूमि से आते हैं लेकिन इन्होंने कुछ असाधारण हासिल किया है। डेक्स्टेरिटी में हम स्थानीय प्रेरणास्रोत बनाने में विश्वास रखते हैं। अमरजीत भारत के लिए एक स्थानीय प्रेरणास्रोत हैं। -शरद सागर, डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक और सीईओ

Source : Hindustan

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