पटना : बिहार वेटनरी कालेज के रिसर्च फार्म में बर्ड फ्लू फैलने की खबर एक माह बाद सामने आई है। राज्य के पशु एवं उत्पादन संस्थान को सूचना मिलने पर उसने मुर्गियों में बर्ड फ्लू की जांच के लिए कोलकाता स्थित केंद्रीय बीमारी जांच प्रयोगशाला में सैंपल भेजा था। जांच रिपोर्ट भी आ गई है, लेकिन उसके संबंध में न तो विभागीय अफसर कुछ बोल रहे हैं, न ही विश्वविद्यालय प्रशासन। ऐसे में खतरा है कि रिसर्च फार्म से बीमारी बाहर निकली तो क्या होगा और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं।

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विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, वेटनरी कालेज के रिसर्च फार्म की मुर्गियों में बर्ड फ्लू के वायरस पाए गए हैं। वायरस के कारण 787 मुर्गियों को मारा गया है। फार्म में कुल 3,859 मुर्गियां हैं। रिसर्च फार्म में 18 जनवरी से ही मुर्गियों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो 16 फरवरी तक जारी रहा।

फार्म की सुरक्षा पर लाखों खर्च, फिर कैसे पहुंचा वायरस : वेटनरी कालेज द्वारा फार्म की सुरक्षा पर प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। यहां पर काफी संख्या में विज्ञानी हैं, फिर भी वायरस कैसे फार्म में पहुंचा। विश्वविद्यालय के कोई विज्ञानी इस पर बोलने को तैयार नहीं। रिसर्च फार्म के प्रभारी डा. र¨वद्र कुमार अभी भी केवल जांच की बात कह रहे हैं, लेकिन वहां पर वायरस कैसे पहुंचा और विज्ञानियों की टीम क्या कर रही थी? इस पर वे कुछ नहीं बोल पा रहे हैं।

वहीं, पशुपालन विभाग के सूचना निदेशक डा. रमेश कुमार का कहना है कि विभाग अभी भी रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है, लेकिन कब आएगा कोई नहीं बता रहा है।

Source : Dainik Jagran

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