बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. इस क्रम में निगरानी विभाग ने बोधगया में पदस्थापित (पोस्टेड) बीएमपी के डीएसपी विनोद कुमार रावत के पटना स्थित दो और बोधगया में एक ठिकाने पर छापेमारी की है. छापेमारी की यह कार्रवाई अभी भी जारी है. छापेमारी में दो दुकानों से संबंधित कागजात, 10 लाख रुपये से ज्यादा के जेवर के कागजात, जमीन से जुड़े कागजात और दो बैंक लॉकर का पता चला है.

निगरानी डीएसपी राजीव कुमार ने बताया कि विनोद कुमार रावत के तीन ठिकानों पर छापेमारी की गई, इसमें पटना के राजेन्द्र नगर के दिनकर गोलंबर और राजा बाजार में पिलर नंबर 15 के पास स्थित उनके फ्लैट में टीम जांच करने पहुंची थी. इसके अलावा बोधगया स्थित कार्यालय में भी छापेमारी की गई. उन्होंने बताया कि आय से अधिक 37 लाख रुपये की संपत्ति को लेकर मामला दर्ज हुआ था. जांच में मामला सही पाए जाने पर छापेमारी की गई.

DSP विनोद कुमार रावत का विवादों से है पुराना नाता

बता दें कि विनोद कुमार रावत का विवादों से लंबे समय से नाता रहा है. उन पर झारखंड के धनबाद में बतौर थानेदार और फिर बिहार के जमुई के झाझा में प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) के दौरान भी इन पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे थे. इसकी जांच का जिम्मा निगरानी को दी गई थी. इसके अलावा, पिछले वर्ष बालू के अवैध खनन मामले में चार एसडीपीओ (SDPO) को हटाने के बाद इनका ट्रांसफर रोहतास जिले के सासाराम कर दिया गया था, जिस पर काफी सवाल उठे थे. बाद में फोन पर किसी युवती से बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें विनोद कुमार रावत पर अश्लील बातचीत करने का आरोप लगा था. मामले के तूल पकड़ने के बाद इनका बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस में तबादला कर दिया गया था.

Source : News18

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