बीपीएससी की परीक्षा धंधेबाजों के लिए धंधा होगा लेकिन एक विद्यार्थी के लिए इमोशन होता हैं।

कल सुबह से सभी अभ्यर्थियों के लिए त्योहार टाइप का माहौल था क्योंकि जनवरी में होने वाली बीपीएससी की परीक्षा आज 8 मई को होने वाली थी।

बस और ट्रेन में लटककर भावी एसडीएम और डीएसपी अपने परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए। कुछ बच्चे सैकड़ों किलोमीटर मोटरसाइकिल चला के पहुंचे।रात भर रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों पर नगर निगम की बदहाल व्यवस्थाओं में मच्छरों के साथ व्यतीत किए।उसके बाद सुबह से ही अपने परीक्षा केंद्र के पास किसी के घर के बजरी के नीचे प्लास्टिक बिछा के पूरा करेंट अफेयर्स को देख रहे थे। उनको उम्मीद था की इस बार अपना और घर का सारा सपना पूरा कर देना हैं। लेकिन उन्हें क्या पता की उनके सपने में भी कुछ धंधे बाज अपना धंधा देख रहे हैं।

कौन हैं ये लोग जो प्रदेश स्तर की सबसे बड़ी परीक्षा को भी चैलेंज करते हैं। हजारों विद्यार्थियों के सपनो का हनन करते हैं। अभी कुछ बच्चे घर भी नही पहुंचे की परीक्षा हीं रद्द कर दी गई। अब ये देखना होगा की इनको सजाएं मिलती हैं या इनके कुकर्मों से कमाए गए पैसे से ही इनको बचा लिए जाता हैं।

पेपर ही तो रद्द हुआ है लेकिन इन बच्चो के सपने नही रद्द होंगे क्योंकि यही तो वो परीक्षा है जिसके माध्यम से वो आने वाली पीढ़ियों को इस सिस्टम से बाहर निकालेंगे। मन तो बहुत लिखने का था लेकिन अब भावनाएं आहत और आंखे नम हो रहीं है।

Source : Vikash Kumar Rai

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