बिहार सरकार ने आम लोगों को इमरजेंसी सेवा उपलब्ध कराने के मकसद से डायल 112 की शुरुआत की थी. इस सेवा का मकसद आपात स्थिति में लोगों को जल्द से जल्द मदद उपलब्ध कराना है, लेकिन अब यह सुविधा पुलिसकर्मियों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. डायल 112 पर फोन कर कॉलर्स पुलिसकर्मियों के साथ न केवल बेफिजूल की बातचीत कर रहे हैं, बल्कि उन्हें गंदी-गंदी गालियां भी दे रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि कॉल सेंटर  में आने वाले 90 फीसदी कॉल फर्जी होते हैं, मगर अब ऐसे फोन कॉल को लेकर पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है. ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई का मन बना लिया है. फेक कॉल करने वाले लोगों को ट्रेस आउट कर उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

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डायल 112 की शुरुआत होने के बाद पिछले 20 दिन में लगभग 3,000 मामलों को सुलझा लिया गया है. सबसे ज्यादा मामले घरेलू हिंसा से जुड़े हुए आ रहे हैं. महिलाओं के द्वारा डायल 112 में सबसे ज्यादा शिकायतें की जा रही हैं. वैसे सड़क हादसे और लड़ाई-झगड़े के मामले भी डायल 112 में आ रहे हैं. डायल 112 से जुड़े अधिकारियों की मानें तो रोज तकरीबन 35 हजार से अधिक कॉल पूरे बिहार में आ रहे हैं जिसमें 90 प्रतिशत फर्जी होते हैं. इसका पता तब चलता है जब डायल 112 की टीम मौके पर पहुंचती है और पूरे मामले की अपने स्तर पर छानबीन करती है. हालांकि कई मामलों में जब स्थानीय थाने की पुलिस नहीं सुनती और लोग डायल 112 पर कॉल करते हैं और तब पुलिस एक्शन मोड में आ जाती है.

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बता दें कि आगजनी, किसी तरह की दुर्घटना, पुलिस सहायता, मेडिकल इमरजेंसी समेत किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए सिर्फ लोगों को अपने फोन से 112 नंबर डायल करना होगा. यह सेवा निशुल्क है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के तहत डायल-112 सेवा का लोकार्पण किया था.

Source : News18

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