INDIA
धोखाधड़ी पर लगाम : फोन नंबर के साथ दिखेगा कालर का नाम

फर्जी नाम से फोन काल के जरिये धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम के लिए दूरसंचार नियामक ट्राई बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। ट्राई ऐसी प्रणाली तैयार करने की संभावनाओं पर काम कर रहा है जिसमें फोन आने पर नंबर के साथ कालर का केवाईसी वाला नाम भी दिखाई दे।
सूत्रों के मुताबिक, ट्राई इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रहा है और जल्द ही दूरसंचार कंपनियों समेत सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श शुरू किया जा सकता है। ट्राई को इस संबंध में दूरसंचार विभाग (डीओटी) से निर्देश मिल चुका है। ट्राई के चेयरमैन पीडी वाघेला ने कहा, ‘विचार-विमर्श की प्रक्रिया एक-दो महीने में शुरू हो सकती है। हम इस बारे में पहले से ही सोच रहे थे। अब हमें दूरसंचार विभाग से निर्देश भी मिल चुका है।’
कालर की पहचान में पारदर्शिता बढ़ेगी : वाघेला का कहना है कि नई प्रणाली में उपभोक्ता के फोन की स्क्रीन पर वह नाम दिखाई देगा, जो कालर की ओर से दूरसंचार कंपनी को दिए गए केवाईसी प्रमाण पत्र में होगा। इससे कालर की पहचान करने में आसानी होगी। साथ ही दूसरे एप की ओर से क्राउडसोर्सिग के जरिये जुटाए गए पहचान डाटा के मुकाबले यह ज्यादा सटीक और पारदर्शी होगा।
केवाईसी आधारित नई पहचान प्रणाली लागू होने के बाद कालर की पहचान कानूनी रूप से मान्य होगी। केवाईसी से जुड़ने के बाद क्राउडसोर्सिग एप्स के डाटा में भी सुधार होगा।
Source : Dainik Jagran
INDIA
उपराष्ट्रपति चुनाव में BJP कैप्टन अमरिंदर सिंह को बना सकती है उम्मीदवार

भारतीय जनता पार्टी (BJP) पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए का उम्मीदवार बना सकती है। सूत्रों ने रविवार को इसकी जानकारी दी है। कैप्टन ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। अब खबर यह भी आ रही है कि उन्होंने जो अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया था, उसकी भी भगवा खेमे में विलय करने की तैयारी चल रही है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव भाजपा और सुखदेव सिंह ढींडसा के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक) के साथ गठबंधन में लड़ा था। हालांकि, इस चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। नई नवेली आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई।
उपराष्ट्रपति पद के लिए 6 अगस्त को चुनाव होना है। वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोट डालते हैं। भाजपा के लिए यह लड़ाई काफी आसान है। दोनों सदन मिलाकर भगवा खेमे का पास पूर्ण बहुमत है।
इन नामों की भी है चर्चा
उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए और भी कई नाम चल रहे हैं। इनमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी शामिल हैं। जल्द ही किसी एक नाम पर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व और संसदीय बोर्ड मुहर लगा सकता है। बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति कैंडिडेट की तरह यह नाम भी चौकाने वाला हो सकता है।
आपको बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह इस समय लंदन में हैं। वह वहां अपनी रीढ़ की सर्जरी के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
लंदन से लौटने पर पार्टी का BJP में विलय कर सकते हैं कैप्टन
पंजाब भाजपा के वरिष्ठ नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि अमरिंदर सिंह लंदन से लौटने के बाद अपनी पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में विलय कर सकते हैं। ग्रेवाल ने दावा किया है कि कैप्टन ने लंदन जाने से पहले अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने यह भी कहा कि कैप्टन अपनी वापसी पर विलय की घोषणा करेंगे।
Source : Hindustan
INDIA
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर जयपुर में गिरफ्तार, कोविड सहायकों के धरने का समर्थन करने पहुंचे थे

राजस्थान पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. चंद्रशेखर को राजस्थान की राजधानी जयपुर में गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है. रविवार को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की गिरफ्तारी पुलिस ने जयपुर शहर में लागू धारा 144 के उल्लंघन से जुड़े मामले में की है.
राजस्थान सरकार ने @BhimArmyChief भाई चंद्रशेखर आजाद जी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है यह तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी जल्द रिहा करे वरना पूरे देश की भीम आर्मी राजस्थान कूच करेंगी @ashokgehlot51 pic.twitter.com/cl3qfKE7d2
— Mukesh Lahare BHIM ARMY (@mukesh_Lahare_) July 3, 2022
जानकारी के मुताबिक भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर जयपुर पहुंचे थे. चंद्रशेखर जयपुर में लंबे समय से चल रहे कोविड सहायकों के धरने का समर्थन करने पहुंचे थे. जयपुर में इस समय धारा 144 लागू है. बताया जाता है कि कोविड सहायकों के धरने का समर्थन करने पहुंचे चंद्रशेखर के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज कर पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्रवाई की.
बताया जा रहा है कि जयपुर पुलिस ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को धारा 144 के उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. गौरतलब है कि कोरोना काल में राजस्थान सरकार ने कोविड सहायकों की नियुक्ति की थी. कोविड सहायक विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं.
गौरतलब है कि कोविड स्वास्थ्य सहायक लंबे समय से अपनी मांगों के समर्थन में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन समेत कई संगठन कोविड सहायकों के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं. बता दें कि जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दे रहे कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है.
BIHAR
चुपके से आई यूपी की पुलिस टीम, बिहार से ले गई तीन युवकों को

यूपी के लखनऊ में एक हत्याकांड में संलिप्तता पाए जाने के बाद एसआइटी (यूपी) की टीम ने बड़हरिया थाना क्षेत्र के अटखंबा गांव में शनिवार की सुबह तीन युवकों को गुपचुप तरीके से दबोच लिया और उन्हें अपने साथ लेकर यूपी चली गई। एसआइटी टीम में एक जवान पुलिस के वेश में था जबकि शेष सादे लिबास में थे। तीनों युवकों को हिरासत में लेकर जाने के बाद गांव में हड़कंप मच गया। गांव में चर्चाओं का बाजार गर्म था। वहीं स्वजन इस मामले में पुलिस कुछ भी नहीं बताए जाने को लेकर चिंतित हो गए।
यूपी की एसआइटी टीम आई थी बिहार
मामले में एसपी शैलेश कुमार सिन्हा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यूपी की एसआइटी टीम ने संपर्क किया था तीनों युवकों को पूछताछ के लिए टीम अपने साथ हिरासत में लेकर गई है। इधर घटना की सूचना जैसे ही बड़हरिया थानाध्यक्ष को हुई वह मौके पर पहुंचा कर जांच में जुट गए। गांव में लगे सीसी कैमरा की मदद से उन्होंने सभी की पहचान की। थानाध्यक्ष ने बताया कि बड़हरिया थाना क्षेत्र के अटखंमबा गांव के तीन लड़कों को सिविल ड्रेस में आई यूपी पुलिस अपने साथ लेकर चली गई। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि पांच लोग सिविल ड्रेस में और एक पुलिस की वर्दी में थे। प्रारंभिक जानकारी मिली है कि लखनऊ में कुछ माह पहले किसी की हत्या हुई थी और उसी संदर्भ में तीनों की संलिप्तता पाई गई है। इसमे दो सगे भाई भी शामिल हैं। यूपी पुलिस ने जिन तीन युवकों को उठाया है उसमें मंजर इकबाल, काशिफ हसन व सरफराज अहमद शामिल है।
यूपी एसआइटी टीम ने पहले मंजर को पकड़ा
थानाध्यक्ष ने बताया कि फुटेज देखने से यह प्रतीत हो रहा था कि सभी यूपी की एसआइटी टीम के सदस्य थे। टीम ने पहले मंजर को पकड़ा इसके बाद सौ मीटर की दूरी पर मौजूद दोनों भाई काशिफ एवं सरफराज को पकड़ा लिया। दोनों भाई अलीगढ़ में हाफिज की पढ़ाई करते थे। लाकडाउन के समय से सिवान में थे। वहीं मंजर नोएडा में बीटेक करता है। चार दिन पूर्व सिवान आया था। बताया कि दोनों भाई पर अलीगढ़ में केस भी है। कहते हैं अधिकारी मामले में पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार सिन्हा बताया कि लखनऊ पुलिस आई थी। उन तीनों को लखनऊ के किसी मर्डर केस के सिलसिले में संलिप्तता पाए जाने पर अपने साथ लेकर गई है।
Source : Dainik Jagran
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