मद्य निषेध व निबंधन मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में आए एक ध्यानाकर्षण का जबाव देते हुए कहा कि जमीन की प्रकृति के बारे में गलत रिपोर्ट करने वाले नौ अफसरों के खिलाफ आरोप पत्र गठित किया जा चुका है। विभागीय कार्यवाही की जा रही है। निबंधन महकमे ने अब तक 4467 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल कर लिया है जो लक्ष्य का सौ फीसद से भी अधिक है।
विजय कुमार खेमका ने अपने ध्यानाकर्षण के माध्यम से यह विषय उठाया था कि बिहार में जमीन खरीद-बिक्री के लिए भूमि निरीक्षण करने का अधिकार निबंधन विभाग ने निबंधन पदाधिकारी को दे दिया है। नए नियम के आलोक में निबंधन पदाधिकारी द्वारा आमजनों का भूमि निरीक्षण के नाम पर दोहन किया जा रहा है। निबंधन पदाधिकारी निरीक्षण के दौरान जमीन की प्रकृति बदलकर आवासीय को कृषि योग्य तथा कृषि योग्य जमीन को व्यावसायिक बताकर भूमि का निबंधन करा रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए नियम में संशोधन किया जाए। जमीन के क्रेता व विक्रेता से शपथ लेकर जमीन का निबंधन कराने की व्यवस्था की जाए।
– निबंधन महकमे ने अब तक 4467 करोड़ का राजस्व हासिल किया है
– विजय कुमार खेमका ने अपने ध्यानाकर्षण के माध्यम से उठाया था विषय
गलत श्रेणी में दर्ज किए जाने की बात आई सामने
मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि निबंधन के लिए अंकित भूमि की प्रकृति गलत श्रेणी में दर्ज किए जाने की बात सामने आयी है। ऐसे 5527 मामलों में 31.19 करोड़ रुपये की वसूली भी हुई है। उन्होंने कहा कि अब भी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला मूल्यांकन समिति काम कर रही है। फार्म-4 पर पर क्रेता और विक्रेता के हस्ताक्षर की भी व्यवस्था है। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि चलते सत्र में सरकार इस बारे में पूरी स्थिति सदन में स्पष्ट कर दें।
Source : Dainik Jagran