मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि हमने महिलाओं की मांग पर ही सूबे में शराबबंदी लागू की थी। आसपास कहीं अगर शराब बिकने व पीने की जानकारी मिले तो महिलाएं इसकी सूचना दें। इसमें उन्हें बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है। उनकी सूचना पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के खिलाफ सूबे में जल्द ही फिर से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे के 28 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ से मुक्ति दिलाने की दिशा में सरकार गंभीर है। सूबे के हर खेत तक पानी पहुंचे इसके लिए सरकार काम कर रही है।

गुरुवार को कुशेश्वरस्थान प्रखंड के नंद किशोर उच्च विद्यालय, सतीघाट परिसर में आयोजित जनसंवाद को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि जीविका समूह के गठन से महिलाओं का उत्थान हुआ है और उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। बिहार की विकास दर में महिलाओं की सक्रियता का बड़ा योगदान है। अब एक करोड़ 26 लाख महिलाएं जीविका समूह से जुड़ गई हैं।

उन्होंने कहा कि मुझे वर्ष 2005 से काम करने का मौका मिला। तब से लगातार विकास के काम में लगा हुआ हूं। बिहार हर क्षेत्र में विकास कर रहा है। जब तक मौका मिलता रहेगा, विकास के काम करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने दिवंगत विधायक शशि भूषण हजारी एवं उनकी धर्मपत्नी रेखा हजारी के असामायिक निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उसी समय बाढ़ के वक्त हम कुशेश्वरस्थान आये थे। तब हमने यहां की समस्या को देखा था।

उसी समय यहां के लोगों को बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने को सोचा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां के लोगों की ज्वलंत समस्या जलजमाव है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जलनिकासी और बाढ़ से मुक्ति के लिए फुहिया में चार किलोमीटर लंबे बांध के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया है।

दो प्रतिशत पर लानी है प्रजनन दर:

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार में प्रजनन की दर 4.3 प्रतिशत थी, जो घटकर तीन प्रतिशत पर आ गयी है। हमारा लक्ष्य इसे दो प्रतिशत तक पहुंचाना है। लड़कियों के शिक्षित होने से प्रजनन दर में और कमी आएगी।

उन्होंने कहा कि लड़के-लड़कियों की पढ़ाई की अलग-अलग व्यवस्था की जरूरत नहीं है। बल्कि सब एक साथ पढ़ाई करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई कर बच्चे स्कूल जाना छोड़ देते थे।

खासकर लड़कियां कपड़ों के अभाव में पांचवीं के बाद स्कूल नहीं जाती थीं। हमारी सरकार ने पोशाक योजना शुरू की। फिर साइकिल योजना शुरू की। अब विद्यालय जाने के मामले में लड़कों और लड़कियों की संख्या बराबर हो गई है।

शुरू से इच्छा थी कि दरभंगा में एम्स बने

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दरभंगा में एम्स बने यह हमारी शुरू से इच्छा थी। हम जहां भी जाते थे, लोग वहीं एम्स की मांग करते थे। मगर हम शुरू से कह रहे थे कि बिहार में पटना मेडिकल कॉलेज के बाद सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज दरभंगा में है, इसलिए दूसरा एम्स भी दरभंगा में ही बनेगा। सीएम ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने बिहार को दूसरा एम्स देने की मंजूरी दी, तभी हमने तय कर दिया कि यह दरभंगा में ही बनेगा।

उन्होंने कहा कि दरभंगा में एम्स निर्माण के बाद दरभंगा सहित उत्तर बिहार के लोगों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दूसरे राज्यों में जाना नहीं पड़ेगा। नेपाल और उसके तराई इलाकों के निवासियों को भी इसका लाभ मिलेगा।

राज्य सरकार दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी सुविधाओं का विस्तार करा रही है। इस दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि मुख्यमंत्री बिहार में एक और एम्स के निर्माण को लेकर लगातार प्रयत्नरत थे। वे दरभंगा एम्स के लिए हर प्लेटफॉर्म पर कवायद करते रहे हैं। तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और हर्षवर्द्धन के समक्ष भी उन्होंने दरभंगा एम्स का मामला उठाया था।

बिहार में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्टर को दुरुस्त करना शुरू से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। उन्हीं की दूरदृष्टि का नतीजा है कि आज बिहार के तमाम सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दरभंगा भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। इसमें कुशेश्वरस्थान विशेष रूप से प्रभावित है। यहां की जलनिकासी को लेकर भी योजनाबद्घ ढंग से काम शुरू किया गया है। अधिकारियों ने बताया है कि अगले साल बाढ़ आने से पहले काम को पूरा कर लिया जाएगा।

आज चार योजनाओं का कार्यारंभ भी किया गया है, जिनमें रोसड़ा-मबी ढाला-सरहिया- मंगलगढ़-काले-राजघाट-शक्ति घाट पथ के (कुल लंबाई 8.40 किमी में) चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य, पिपराघाट पथ के 0 किमी से 3.95 किमी में चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण, कुशेश्वरस्थान प्रखंड के विभिन्न चौरों में अवस्थित आठ अदद पुनिर्जीवित/पुनस्र्थापन, साफ-सफाई कार्य का कार्यारंभ तथा बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना फेज-3 (बी के अंतर्गत) सिरनिया-फुहिया तटबध के 70.42 से 74.42 किमी तक नए तटबंध का निर्माण एवं 70.793 किमी तक एंटी फ्लड स्लुइस के निर्माण कार्य शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कुशेश्वर स्थान में जलजमाव से निजात दिलाने के लिए किए जा रहे कार्यों का स्थल निरीक्षण किया। साथ ही जलनिकासी हेतु नरैला चौर नाला उड़ाहीकरण के कार्य का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। कुशेश्वर स्थान पूर्वी प्रखंड के लिए प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया।

Source : Hindustan

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